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बुधवार, 1 जुलाई 2020

गरीब बेटी की शादी में नगरवासी बने घराती, समाज ने निभाई पिता की जिम्मेदारी

मंदिर में बजी शहनाई,हर घर से बेटी को मिला उपहार,दिव्यांग युवती से शादी के लिए युवक बना मददगार

अनूपपुर। अभी तक ग्रामीण परिवेश में बेटी की शादी में समाज सहयोग के रूप में सामने आता रहा है। लेकिन अनूपपुर नगरपालिका क्षेत्र में यह पहला मौका है जब बिना पिता की बेटी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की बेटी की शादी में पूरा नगर मदद के लिए सामने आ गया हो। यहां लोगों को बुलाया नहीं गया, बस मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से एक संवाद भेजी गई, और देखते ही देखते मोहल्लेवासी, व्यापारी संघ, नगरवासीवासी, मढिया मंदिर समिति के लोगों ने शादी की जिम्मेदारी खुद पर सम्भाल ली। सभी ने कहा यह हमारी बेटी है और हम इसकी शादी करेंगे। बुधवार को शादी का अंतिम मुर्हूत्त था, जिसे देखते सभी नगरवासियों ने शादी की तैयारी कर हरेक घर से बेटी के लिए उपहार जुटा लिया। दोपहर मंदिर में शहनाई बजी और शाम को दोनों युवक-युवती माता मढिय़ा माई के समक्ष दाम्पत्य जीवन के डोर में बंध गए। मोहल्लेवासियों, मंदिर समिति, व्यापारी संघ और नगर के गणमान्य लोगों में खुशी का माहौल बना रहा। सभी ने एक सुर में कहा ऐसा मौका जब भी बनेगा हम नगरवासी इस पुण्य से नहीं चुकेंगे।

नगरपालिका वार्ड क्रमांक 2 निवासी दिवंगत शालीग्राम गुप्ता पांच साल पूर्व पत्नी और तीन बेटियों सहित एक पुत्र को छोड़कर परलोक सिधार गए। पत्नी ने अन्य के घरों में काम कर बच्चों का लालन पालन किया। बड़ी पुत्री की शादी किसी प्रकार हो गई। लेकिन पैर से दिव्यांग दूसरी पुत्री पिंकी की शादी के समय परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय बन आई। परिवार शादी के लिए तैयार नहीं था, बावजूद रामपुर गांव से आए वर पक्ष के परिजनों ने 29 जून की शाम युवती देखने बाद शादी के लिए सहमत हो गए। लेकिन शादी के लिए घर में एक पूंजी तक नहीं थी। शाम को ही स्थानीय युवक दीपक शुक्ला ने मोबाइल पर संवाद कर मदद मांगी। और सुबह देखते ही देखते नगरवासी, व्यापारी वर्ग और मोहल्लेवास उमड़ पड़े। सभी ने अपने अपने तरीके से शादी की तैयारी आरम्भ की। बधु पक्ष से परिजन और मोहल्लेवासी, व्यापारी संघ, नगर के गणमान्य लोगों के साथ परिवार के सदस्य शामिल हुए। मढिय़ा मंदिर समिति ने मंदिर में शादी का आयोजन कराया जहां पंडितजी ने विधि विधान से वर-वधु के विवाह की रस्म पूरी की। इस मौके पर नगर के गणमान्य लोगों में महादेव अग्रवाल, महेन्द्र गुप्ता, गौतम केशरवानी, दीपक शुक्ला, हरिओम प्रकाश नामदेव, नरेश मिश्रा, रामचंद्र बजाज, मढिय़ा मंदिर समिति के सदस्य सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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