एडीजीपी
शहडोल कर रहे मामले की जांच
अनूपपुर। बुधवार की रात धर्म विशेष को लेकर की गई टिप्पणी के बाद पुलिस और
प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही में अनूपपुर नगर में दो दिनों तक बिगड़े हालात
में शनिवार को पुलिस अधीक्षक अनूपपुर ने कोतवाली थाना के दो पुलिसकर्मियों को
मौखिक आदेश में लाइन अटैच कर दिया है। यह मौखिक आदेश दो दिनों बाद दिए गए हैं।
इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने दोनों पुलिस कर्मियों के लिए लाइन अटैच में कोई लिखित
आदेश जारी नहीं किया है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने मामले में जांच को प्रभावित नहीं
होने का हवाला देते हुए दोनों को थाना से अलग होने की बात कही है। लेकिन उन्होंने
इसे कोई बड़ी बात नहीं है, पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था में वैकल्पिक
रूप में अपनाए जाने की दलील दी है। दोनों के खिलाफ शिकायत होने की बात कही गई है।
जबकि इस पूरे मामले की जांच शहडोल एडीजीपी जी जर्नादन द्वारा कराई जा रही है।
मामले में अबतक एडीजीपी ने जांच जारी की बात कही है।
विदित हो कि
घटना के विरोध में गुरूवार युवाओं ने नवीन सर्किट हाउस में प्रदेश खाद्य आपूर्ति
मंत्री बिसाहूलाल सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए मामले में दो पुलिस कर्मियों पर
पक्षपात का आरोप लगाते हुए घटनाक्रम में पहले पक्ष का समर्थन देने की बात कही थी।
जिसपर मंत्री ने तत्काल दोनों के खिलाफ आवेदन देने की बात कहते हुए शहडोल एडीजीपी
जी जर्नादन को जांच की जिम्मेदारी सौंपते हुए तीन दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने
के निर्देश दिए थे। साथ ही कहा था कि जांच पर दोषी व्यक्तियों व पुलिसकर्मियों के
खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने इस गम्भीर मामले में चल रही जांच
के दौरान आरोप में बिना लिखित आदेश मौखिक निर्देश में दोनों पुलिसकर्मियों को थाना
से दूर कर दिया है। वहीं पुलिस अधीक्षक के इस मौखिक आदेश की बाजार में चर्चाएं बनी
रही। लोगों का कहना है कि भले ही उनकी दलील केस को प्रभावित न हो पुलिसकर्मियों को
लाइन अटैच कर दिया है। लेकिन युवाओं ने तो कोतवाली थाना प्रभारी के खिलाफ भी
नारेबाजी करते हुए हटाने की मांग की थी। और जब तीन दिनों में दोषियों के खिलाफ
कार्रवाई किया जाना था तो अचानक दोनों को हटाने का औचित्य समझ से पड़े हैं। पुलिस
अधीक्षक को कार्रवाई तो तत्काल करते हुए घटना के दूसरे दिन ही कर देना चाहिए था।
पुलिस अधीक्षक मांगीलाल सोलंकी ने बताया कि लिखित आदेश में
दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच नहीं किया गया है। लेकिन जांच प्रभावित न हो
दोनों को मौखिक निर्देश में थाने से अलग रखा गया है।
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