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शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

गिरता अनूपपुर नगर का सफाई स्तर, उठाने वालो ने बजट का रोया रोना,प्रशासक पर प्रश्रचिन्ह



पहले प्रदेश के टॉप 10 में शामिल, देश में 402 वां स्थान
अनूपपुर। केंन्द्र में जब से मोदी सरकार आई तब से स्वच्छता को लेकर पूरे देश में अभियान चलाया और इसमे  सर्वक्षेष्ठ को पुरूष्कृत करने की बात कहीं। इसके लिए देश भर की नगरनिकायो ने मेहनत भी कर रही है। किन्तु कुछ निकायो को इससे कोई सरोकार नही। जिला मुख्यालय हर जिले का अपना माडल होता है अनूपपुर ऐसा माडल है कि अपने ही निकायो में सबसे पीछे खड़ा है,सफाई के नाम पर सिर्फ दिखावा होता है। घर-घर कचरा उठाने के नाम पर लाखो का बिल हर माह निकल रहा फिर भी बजट का रोना बना हुआ है। शासन ने अनूपपुर नगर पालिका में कलेक्टर को प्रशासक बनाया है इसके बाद भी नगर की सफाई व्यावास्था में सुधार न होना सवाल खड़े कर रहा है।
केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित स्वच्छता अभियान को लेकर किए जा रहे विभिन्न प्रयास और अनूपपुर नपा प्रशासक की अनदेखी ने देश में ४०२ वां स्थान पर ला खड़ा किया है। जिले के अन्य ६ नगर निकायों के लिए जारी रैकिंग में जिला मुख्यालय व नगरीय क्षेत्र अनूपपुर की सफाई व्यवस्था सबसे बेवश नजर आई है। वर्ष २०१८-१९ में प्रदेश स्तर पर अनूपपुर नगर ने स्वच्छता में प्रदेश टॉप १० में शामिल होकर सम्मान हासिल किया था। लेकिन एक साल के भीतर ही स्वच्छता को लेकर अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही में यह सम्मान का पायदान फिसलकर निचले स्तर पर पहुंच गया है।
नगर की सफाई को लेकर प्रतिमाह ५ लाख से अधिक खर्च के बाद भी स्वच्छता के लय को बरकरार नहीं रख सका। जिले के छह नगरीय निकायों की रैकिंग में सबसे ऊपर कोतमा १६१, पसान १९५, बिजुरी २३३, अमरकंटक २६९, जैतहरी ३०४ तथा सबसे नीचे अनूपपुर ४०२ हैं।
जानकारी के अनुसार अनूपपुर नगरीय क्षेत्र तीन जोन बस्ती, चेतनानगर, और बाजार क्षेत्र में बंटा है। जिसमें २ सुपरवाइजर सहित ५८ सफाईकर्मी लगाए गए हैं। इनकी मदद के लिए ४ ट्रैक्टर वाहन, ४ कचरा संग्रहण और २ बैटरी संचालित रिक्शा लगाए गए हैं। प्रति माह १.५० लाख रूपए से अधिक डीजल पर खर्च भी किए जा रहे हैं। लेकिन ऐप के माध्यम से मात्र ३७० लोगों को जोड़ सके हैं। नपा का मानना है कि एमआरएफ स्तर की टंचिंग ग्राउंड, संसाधनों का अभाव, बजट और कार्ययोजना के अभाव में वे पिछड़ गए। किन्तु सत्य है कि लोगो में जागरूकता का अभाव भी है।
नपा अधिकारियों का मानना है कि वे गाइडलाइन के अनुसार स्वच्छता को लेकर कार्य नहीं किया है। इसके अलावा स्वच्छता अभियान में बजट की कमी भी रोड़ा साबित हुई है। वहीं नगर के लोगों को स्वच्छता ऐप के माध्यम से जोडऩे और स्वच्छता के लिए प्रेरित करने में पीछे रहे। हालांकि शासकीय स्तर पर स्वच्छता प्रेरित के लिए मैराथन, डोर-टू-डोर अवेर्नेश, ग्रूप मीटिंग, रैली, सहित समय समय पर स्वच्छता अभियान को लेकर प्रचार प्रसार भी किया गया। शासकीय गाइडलाइन अनुसार योजना तैयार कर क्रियान्वयन, करना, एमआरएफ स्तर की टंचिंग ग्राउंड तैयार करना, बजट के लिए पूर्व प्रस्ताव तैयार रखना, लोगों के सहयोग के लिए वार्डो का नियमित भ्रमण व स्वच्छता के लिए प्रेरित करना होगा।
नपा प्रशासक एवं कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर का कहना है
कि हम सफाई करा रहे है आप सवाल कर रहे है।

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