अनूपपुर। सावन के अंतिम सोमवार के साथ भाई-बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक
रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। घर-घर में भगवान शिव का विषेश
अभिषेक किया गया। सावन मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली भाई-बहन के अटूट प्रेम
और रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को पूरे जिले में हर्षोउल्लास के
साथ मनाया गया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर चंदन तिलक के साथ कलाई
पर रेशम की पवित्र डोर को बांध अपनी रक्षा का वचन लिया। पूर्णिमासी व रक्षा बंधन
के कारण मंदिरों में पूजा पाठ कर बहनों ने राखी से सजाया हुआ थाल भाईयों के समक्ष
रखें, तथा तिलक लगाकर उसे यशस्वी होने की दुआएं देते हुए उनकी बलाओं
को अपने हाथों में समेट मिलया। वहीं भाई भी रेशम की डोर की लाज निभाने बहन की
अस्मिता की रक्षा का संकल्प लिया।
इस वर्ष
कोरोना महामारी के कारण रक्षा बंधन का बाजार फीका रहा, बाजार
की बजाय घरों में पर्व की विशेष चहल पहल बनी रही। हालांकि स्थानीय बाजारों में
राखियों व मिठाईयों की कुछ दुकानें खुली रही। उपहार के लिए भी दुकानों पर इक्का
दुक्का लोगों की भीड़ बनी रही। लेकिन अधिकांश बहनों ने अपने भाईयों को कोरोना
संक्रमण से बचाव में घरों में तैयार मिठाई और राखी का उपयोग किया। अन्य वर्षो की
भांति बहनों का भाईयों से मिलने उनके घर जाने की यात्रा भी सड़कों पर कम ही नजर
आई। इसका मुख्य कारण परिवहन सुविधा का अभाव और लोगों में जागरूकता रही। जबकि
प्रशासन ने भी बाजार की गलियों में सुरक्षा की व्यवस्था बनाई रखी।
रक्षाबंधन का
पर्व जिले के कोतमा, बदरा, भालूमाड़ा,
राजनगर,
बिजुरी,
अमरकंटक,
जैतहरी,
सहित
अन्य ग्रामीण इलाकों में हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया गया। कोतमा में भाई-बहन के
पवित्र रिश्तों का त्यौहार रक्षाबंधन पारंपरिक रूप से मनाया गया। 3 अगस्त
सोमवार को सुबह से शाम तक बहनों के द्वारा अपने भाईयों को राखी बांधने का दौर शुभ
मुहुर्त में चलता रहा। रांखी बांधकर जहां बहनो ने अपने भाई की सलामती एंव लम्बी
उम्र की कामना की, वही भाईयों के द्वारा भी रक्षा करने का
संकल्प लिया गया।
जेल में बंद
भाईयों की बहनों ने फोन के माध्यम से हरी बलाएं
जिला जेल
अनूपपुर में बंद भाईयों के लिए कोरोना इस
वर्ष भाई-बहन के प्रेम और स्नेह में बाधा बन गई। अन्य वर्ष की भांति इस वर्ष
अनूपपुर जेल में बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकी। शासन के आदेश
में पूर्व ही परिजनों को इसके लिए सूचित करते हुए 3 अगस्त को
रक्षा बंधन के मौके पर फोन के माध्यम से भाई-बहनों को संदेश मिलाप कराया गया। जेल
में बंद 290 बंदियों में 32 भाईयों ने अपनी बहन को फोन के
माध्यम से बातचीत कर रक्षा बंधन की शुभकामनाएं दी। इसके लिए जिला जेल में सुबह
मुलाकात समय के अनुसार सुबह 9.30 बजे से 1.30 बजे
तक फोन के माध्यम से बहनों से बात कराया गया।
हिन्दुस्थान
समाचार/ राजेश शुक्ला
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