अवैध उत्खनन
पर हो कड़ी कार्यवाही, रोक को हटाने की मांग
अनूपपुर। पिछले बारिश के दौरान तीन महीनों से बंद पड़ी खदानों में अवैध उत्खनन हो
रहा है उसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। मंत्री और प्रशासन के इस रवैया से रेत
आम उपभोक्ता तक नहीं पहुंच पा रही है जिससे भवन निर्माण में लगे हजारों श्रमिक
बेरोजगारों की कतार में खड़े हो गए हैं। उसके साथ ही साथ भवन निर्माण से जुड़े
अन्य व्यवसाय की भी आर्थिक स्थिति इस अदूरदर्शी निर्णय के कारण खतरे में पड़ गया
है। मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद के सदस्य कामरेड विजेंद्र
सोनी एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति में मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बयान पर
प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा
यह नहीं भूलना चाहिए कि भवन निर्माण से सिर्फ रेत का रिश्ता है उसके साथ पूरे अर्थ
तंत्र का भी रिश्ता है। ग्रामीण क्षेत्रो से भूमिहीन मजदूर जो भवन निर्माण के
कार्यों में लगे हैं उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उनके आवागमन
अवरुद्ध होने से तथा अन्य बाजार में भी उसका प्रभाव पड़ रहा है। जिससे छोटे
दुकानदार, भवन निर्माण के दौरान लोहा गिट्टी सीमेंट के व्यापारी लकड़ी का
व्यवसाय आदि संकट मे आ गए है। आम तौर पर अध्ययन करें तो तमाम व्यवसाय इससे
प्रभावित हुए है।
उन्होने कहा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रशासन के आदेश को अनुचित मानते हुए नियमानुसार रेत की
आपूर्ति तत्काल प्रभाव से चालू करने की मांग की है, साथ ही कहा
कि अवैध उत्खनन रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसके खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की
जाए। करोना काल में आर्थिक रूप से हर वर्ग परेशान है।
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