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सोमवार, 3 अगस्त 2020

कोरोना काल से अबतक सांसद की सक्रियता लोगो की हो सकी घर वापसी सहित अन्य सहयोग


अनूपपुरप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के बाद लाकडाऊन के बाद विपरीत परिस्थितियों में भी सांसद हिमाद्री सिंह ने आम जनता के सुख दुख में निरंतर भागीदार रहते हुए सहयोग का हर संभव प्रयास किया है। कोरोना संक्रमण काल देश के अन्य हिस्सों की तरह शहडोल संसदीय क्षेत्र के लिये चुनौतियों भरा रहा है। सांसद, विधायक, जिला प्रशासन, मीडिया के बन्धुओं ने अपने अपने स्तर पर बढ़ चढ़ कर जन सहयोग की भावना बनाए रखते हुए कार्य किया। सांसद ने लाकडाऊन से पहले समय रहते दिल्ली से वापस आकर क्षेत्र में मोर्चा संभाला। जो आज तक लोगो के बीच सतत जारी है।
जिला प्रशासन शहडोल, अनूपपुर, उमरिया सहित कटनी के समन्वित प्रयासों का नतीजा था कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, उत्तरप्रदेश में फंसे से क्षेत्र के लोगों की सूचना मिलते ही उनकी घर वापसी सुलभ करने का हर संभव प्रयास किया। जिससे सभी की सुरक्षित घर वापसी हुई।
सांसद हिमाद्री सिंह ने अनूपपुर कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर एवं एसईसीएल जमुना कोतमा के सहयोग से अति गरीबों को संरक्षित योजना वी केयर के तहत हजारों स्पेशल किट का वितरण किया। इस किट में दैनिक जरुरतों को पूरा करने की बड़ी समस्या की पूर्ती हो सकी, सरकार ने चावल/ गेहूँ, राशि, गैस सिलेंडर तो मुफ्त दिया लेकिन अन्य जरुरी वस्तुओं की जरुरत सांसद ने महसूस की। यह उनकी मानवीय संवेदनशीलता का परिचायक है। लाकडाऊन के समय विभिन्न राज्यों से आने - जाने वाले हजारों लोगों के भोजन, राशन, सीमाओं तक पहुंचाने के लिये वाहनों की व्यवस्था के लिये सांसद एवं उनके पति नरेन्द्र मरावी को सुबह से देर रात तक महीनों काम करते देखा गया है। बाहर से आने वाले श्रमिकों के कोरोना संक्रमित आने पर विभिन्न जिला चिकित्सालयों, मेडिकल कालेज में उनके इलाज,परीक्षण की पूरी चिंता सांसद करती रहीं।
यह कम ही लोगों को पता है कि बमुश्किल एक वर्ष, पूर्व एक बेटी की मां बनने वाली सांसद हिमाद्री सिंह बिना कोरोना संक्रमण के खतरे की परवाह किये सोशल डिस्टेशिंग के उल्लंघन के खतरों के बीच अलग अलग कार्यक्रमों, बैठकों में शामिल होती रहीं। इस बीच उन्होंने अमरकंटक, बेनीबारी, करपा,राजेन्द्रग्राम,जैतहरी, अनूपपुर, चचाई, कोतमा, पसान, बुढ़ार, शहडोल, जयसिंहनगर, पाली, उमरिया का प्रवास किया। उनके निवास पर सुबह से देर रात तक क्षेत्र से मिलने आने वालों का तांता लगा रहता है। यह मानवीय संवेदना, सतर्कता, सावधानी का विषय है कि एक साल की छोटी बेटी को घर पर छोड़ कर वे सतत एक वर्ष से लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं। कुछ लोगों को उनमें व्याप्त सरलता, विनम्रता के गुण, उनकी माता स्व.राजेश नन्दिनी सिंह की तरह दिखते हैं, तो उनकी बारीक समझ, सतत सक्रियता, साहस मे उनके पिता स्व. दलवीर सिंह की झलक मिलती है। उनके कार्यकाल का एक साल उनके सतत संपर्क, सक्रियता, सहजता, सुलभता के नाम रहा है। उनकी निर्विवाद,निश्चछल कार्यशैली की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।

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