अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित जिले के अन्य क्षत्रो में स्वेच्छिक रूप से
कार्य कर रहे सर्प प्रहरियों ने माह जुलाई में विभिन्न प्रजाति के 192
सर्पो को पकड़कर वन क्षेत्र में छोड़ा है। सर्पो के काटने से 34
व्यक्तियों के उपचार के बाद उनके स्वस्थ्य होने तथा उपचार के दौरान 3
व्यक्तियों की मौत हुई है।
वन्यजीव
संरक्षक एवं सर्पप्रहरी शशिधर अग्रवाल ने अपने सहयोगी छोटेलाल यादव, लल्लूलाल
कोल एवं लालदास सिंह के साथ जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलो
में रहवास क्षेत्रों में जहरीले एवं जहर विहीन 192 सर्पो
जिसमें सर्वाधिक जहरीले कोबरा नाग प्रजाति के 74, करैत प्रजाति
के 6, रसलवाईपर 3, अजगर 8, धामन
(असडि़या) 46 के साथ अद्भुत प्रजाति के सफेद करैत, अलंकृत
सॉप, बैण्डेड करैत के साथ अन्य प्रजाति के सर्पो को पकड़कर स्वतंत्र
विचरण के लिए जंगलों में छोड़ा है। विभिन्न प्रजाति के सर्पो के काटने से उपचार
हेतु जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 34 सर्प
पीडि़तों को इलाज से स्वस्थ्य हुये है, वही सर्प के
काटने से उपचार के दौरान 3 व्यक्तियों की मौत हुई है।
जिले के चचाई
में मनोज महाडिक उर्फ बंटी, अमरकंटक में भास्कर कुमार वर्मे एवं
विकास सिंह चंदेल, जैतहरी मे द्वारिका प्रसाद सेन, मेवालाल
रौतेल (वनरक्षक) एवं गजेन्द्र सिंह राठौर (गोरसी) कोतमा में हरिवंश प्रसाद पटेल
एवं जावेद खान द्वारा भी रहवास क्षेत्रों से सर्पो को पकड़ कर जंगल में छोडऩे का
कार्य स्वैच्छिक रूप से निरंतर किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान
समाचार/ राजेश शुक्ला
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