पक्षकारों ने
दो-तीन दिन की मांगी मोहलत, पुख्ता सबूत पर होगी खनिज प्रकरण के तहत
कार्रवाई
अनूपपुर। मप्र.-छत्तीसगढ़ सीमा पास केवई नदी के चंगेरी घाट के पास रेत मामले को
लेकर सप्ताहभर पूर्व वायरल हुए विवादित वीडियों के बाद खनिज विभाग ने मामले से
जुड़े तीन लोगों को नोटिस जारी करते हुए बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला खनिज
विभाग ने बुधवार को मीडिया में आए नामों में भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ प्रदेश
सहसंयोजक मनीष गोयनका और शासकीय शिक्षक प्रधानाध्यापक दीपक तिवारी के साथ चंगेरी
घाट खदान ठेकेदार केजी डवलपर्स के प्रतिनिधि को भी नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने
के निर्देश दिए। जिसमें तीनों ने 2-3 दिनों का समय मांगा है। वहीं खनिज विभाग
अधिकारी ने बताया कि उनके बयानों में उनकी वीडियो में जारी हुई आवाज की पुष्टि
सहित रात के समय वहां पहुंचने, किस कारण प्रशासन की धौंस दिखाकर
विवाद करने, विवाद के मूल कारणों और ठेकेदार के प्रतिनिधि द्वारा अबतक
विवाद में सम्बंधित विभाग, कंपनी या स्थानीय पुलिस थानों में
शिकायत अबतक क्यों नहंी दर्ज कराने, क्या
प्रतिबंध के बावजूद रात के समय चोरी छिपे रेत का अवैध कारोबार करने सम्बंधित बातों
पर पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा विभाग अन्य कारणों पर जांच करेगी।
खनिज अधिकारी
का कहना है कि वीडियो से किसी घटना की तत्कालिकता को सही नहीं माना जा सकता,
रात
के समय घटित हुई घटना के कारण जगह और चेहरे भी स्पष्ट नहीं दिख रहे हैं। वीडियो
कितना पुराना है यह बयानों के बाद सामने आ पाएगी। बयानों और जांच में पुख्ता सबूत
मिलते है तो दोषियों के खिलाफ खनिज विभाग के अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए
जाएंगे।
विदित हो कि
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें
चंगेरी घाट के पास रेत परिवहन को लेकर खदान ठेकेदार प्रतिनिधि और भाजपा से जुड़े
व्यापारी व आर्थिक प्रकोष्ठ प्रदेश सह संयोजक, शासकीय शिक्षक,
पूर्व
मंडल अध्यक्ष सहित अन्य लोगों द्वारा रेत परिवहन को लेकर वाद विवाद किया गया।
जिसमें भाजपा से सम्बंधित पदाधिकारियों ने ठेकेदार प्रतिनिधि को शासन प्रशासन का
धौंस दिखाकर रेत से लदे ट्रैक्टर को ले जाते हैं। वीडियों में भाजपा पदाधिकारियों
द्वारा हम करेंगे अवैध काम, जो करना है कर लो की धमकी दी गई थी।
जिला खनिज
निरीक्षक राहुल शांडिल्य ने बताया कि
वीडियों और मिडिया में आए नामों पर सम्बंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर
वीडियो की पुष्टि के लिए बुलाया गया है। अगर वीडियों की पुष्टि होती है और पुख्ता
सबूत मिलते हैं तो दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाएंगे।
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