गांवों में
मुनादी कराकर लोगों को सतर्क कर रहा वन विभाग का अमला
अनूपपुर।
छत्तीसगढ़ के अचानकमार के जंगलों से डिंडोरी जिले से होकर अनूपपुर जिले में घुसा 12 हाथियों
का दल ग्राम पुरगा, मझौली व नौसा में तीन ग्रामीणों की जान लेने के बाद वापस
डिंडोरी की तरफ बढ़ गया है। हाथियों के दिशा बदलने से ग्राम पुरगा से खतरा फिलहाल
टल गया है, इसके बावजूद दहशत बरकरार है। इधर, वन विभाग का
अमला गांवों में मुनादी कराकर उन गांवों के लोगों को सतर्क कर रहा है, जो
हाथियों के आगे बढऩे के रास्ते में आते हैं।
राजेन्द्रग्राम
वनपरिक्षेत्र के पुरगा ग्राम पंचायत के तीन गांव लंघवाटोला,मझौली और
नौसा में 02 अप्रैल को डिंडौरी जिले की सीमा से नर्मदा नदी पार कर पहुंचे
दर्जनभर हाथियों के दल ने खेत में काम कर रहे तीन ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला।
मृतकों में 50 वर्षीय प्रेम सिंह पिता छोटू सिंह निवासी लंघवाटोला, 30 वर्षीय
जानकी बाई पति पंचम सिंह निवासी मझौली और 40 वर्षीय
कुंतीबाई पति राम सिंह निवासी ग्राम नौसा मझौली शामिल हैं। हाथियों के इस हमले में
प्रेम सिंह एवं जानकी बाई की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि गम्भीर रूप से घायल
कुंतीबाई पिता राम सिंह निवासी नवता ने उपचार के लिए राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य
केन्द्र पहुंचने के दौरान दम तोड़ दिया।
घटना की
सूचना पर वनमंडलाधिकारी एसएस भगतिया, एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डेहरिया,
एसडीओ
वन ओजी गोस्वामी, राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र रेंजर, अमरकंटक
वनपरिक्षेत्र रेंजर सहित राजेन्द्रग्राम तहसीलदार, थाना प्रभारी
राजेन्द्रग्राम सहित अन्य राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों का पंचनामा तैयार
कर चिकित्सीय टीम ने पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
वनमंडलाधिकारी
ने बताया कि घटना सुबह 5.45 बजे के आसपास की है। एक बच्चा सहित 12 हाथियों
का दल सुबह डिंडौरी जिले की सीमा लांघते हुए नर्मदा पार कर अनूपपुर जिले में घुस
आया था। ग्राम पुरगा में खेत में रखवाली कर रहे प्रेम सिंह व उनके पोते आत्माराम
सिंह ने हाथियों के झुंड को देखा। इस दौरान प्रेम सिंह ने हाथियों के झुंड को
देखकर उसे भगाने के उद्देश्य से हाथ दिखाते हुए आवाज लगाई। लेकिन इसी दौरान
हाथियों ने प्रेम सिंह की ओर दौड़ लगा दी। हाथियों से बचने के लिए दादा और पोता
भाग खड़े हुए। लेकिन इसी दौरान दादा प्रेम सिंह खेत में जा गिरा और हाथियों ने
प्रेम सिंह को सूंड और पैर से बुरी तरह कुचल कर मार डाला। इसके बाद हाथियों का दल 2 सुबह
6.30
बजे दो किलोमीटर दूर स्थित मझौली गांव पहुंचा, जहां खेत में
फसल काट रही जानकी बाई को कुचलकर मार डाला। इसके बाद नौसा गांव पहुंचकर खेत में
काम कर रही कुंतीबाई को कुचल डाला। इसके बाद हाथियों का दल पुन: डिंडौरी की ओर
वापस लौट गया। घटना की सूचना गांव में फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण खेत की ओर दौड़े।
जहां कुंतीबाई की सांसे चलता देखकर ग्रामीणों ने तत्काल राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य
केन्द्र लेकर पहुंचे। लेकिन यहां पहुचते ही कुंतीबाई की सांसे उखड़ गई। अस्पताल की
सूचना पर पुलिस ने कुंतीबाई के शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों
को सौंप दिया।
इस घटना के उपरांत वनमंडलाधिकारी ने ग्रामीणों से आह्वान
किया है कि वे आगामी 3-4 दिनों
तक सुबह 4.00 बजे से
8.00 बजे तक
खोतों की तरफ न जाएं। उन्होंने इस संबंध में मुनादी कराने के निर्देश भी सरपंच व
सचिवों को दिये हैं।
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