परिवहन का
अभाव में नही रही प्याज की खपत
अनूपपुर।
जिले में असामायिक बारिश और ओलावृष्टि के प्रकोप में तबाह हुई फसलों के बाद बची
फसलों से किसानों की उम्मीद जगी थी कि कुछ पैसे हाथ आ जाएंगे। लेकिन कोरोना
संक्रमण में जिले में घोषित लॉकडाउन ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
जिले के मुनगा (सहजन) की पैदावार अधिक होती है। इसकी मांग कई प्रदेशो में होती है।
इनदिनों अनूपपुर की सब्जी मंड़ी मुनगा से पटी रहती थी आज आलम यह है कि पैदावार
अधिक है खरीदार कम घर-घर जाकर किसान अपनी पैदावार विक्रय कर रहे जिससे लागत वसूल
नही हो रही। नगर का मुनगा प.बंगाल सबसे बड़ा खरीदार है। इसके साथ प्रदेश के कई
जिलो के साथ छत्तीसगढ़ उप्र.में अच्छी मांग है। इस समय कई टनो मुनगा यहा से रेलो
द्वारा जाता रहा है। कोरोना की मार किसानो के साथ व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़
रहा है। समय बढऩे के साथ मुनगा पेड़ो में लगे-लगे खराब हो रहा है।
पुष्पराजगढ़
विकासखंड के लगभग 10 गांवों में टमाटर की पैदावार अधिक होती है। लेकिन ओलावृष्टि
के कारण कुछ फसलों को नुकसान पहुंचा था। इसके बावजूद अच्छी पैदावार हुई। जिले में
प्याज की पैदावार नामात्र होती है, जो होती है वह स्थानीय बाजारों व
ग्रामीण अचंलों में खप जाती है। जिसके कारण शहरी क्षेत्रों की पूर्ति के लिए दमोह,
कटनी
सहित अन्य स्थानों से प्याज की आवक होती है। गर्मी के दिनो में प्याज की खपत कई
गुना बढ़ जाती थी,लेकिन कोरोना संक्रमण काल के लॉकडाउन में रोजाना जिले में 10
टन प्याज की खपत वाले आवक भी ५ टन बाहर से आती थी जो घटकर मात्र 5 के आसपास रह गई
है। थोक व्यापारी दीपक केशरवानी का कहना है कि जो आवक है उनमें भी ग्राहक आधा घट
गए। दीपक के अनुसार दमोह से गुरूवार को आई 4 टन प्याज में २ क्विंट से भी कम खपत
हो सकी है। कारण ग्रामीण अंचलों से लोग खरीदी के लिए शहर और बाजार नहीं आ रहे हैं।
परिवहन और गांवों के साप्ताहिक बाजार बंद के कारण प्याज का परिवहन भी ग्रामीण
अचंलों और बाजारों की ओर नहंी हो रहा है। कृषि उपसंचालक अनूपपुर एनडी गुप्ता ने
बताया कि टमाटर की फसल पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में ही होती है। फिलहाल यहां से रोजाना
8-10 टन टमाटर का उत्पादन होता है, जिसे किसान रायपुर, बिलासपुर,
अनूपपुर,
और
सतना तक के व्यापारियों को बेचते हैं। अनूपपुर जिले में ही रोजाना 2-3 टन टमाटर की
खपत है। लेकिन अनूपपुर में फसलों की बुवाई और कटाई में माहभर का विलम्ब होने के
कारण जिले की टमाटर का उत्पादन सीजनानुसार में तैयार नही हुआ है। वहीं कुछ किसानों
की फसल अब वातावरण की गर्माहट के कारण पककर तैयार हो चुकी है। लॉकडाउन के कारण
परिवहन सुविधा के अभाव में किसानों तक व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिसे लेकर
किसान चिंतित हैं। जिला किसान संघ अध्यक्ष सरजू पटेल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण
सबसे अधिक किसानों खासकर सब्जी व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने तीन घंटे की समयावधि में फसल बेचने की छूट तो दी है, लेकिन
जिस अनुपात में खेतों से रोजाना निकलने वाले सब्जी की फसल और टमाटर को बेच नहीं पा
रहे हैं। जल्द ही लॉकडाउन समाप्त नहीं हुआ तो टमाटर खेतों में ही पककर बर्बाद हो
जाएंगे।
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