अनूपपुर। वैश्विक महामारी कोरोना के कहर के कारण पूरे देश में पूर्णताला
बंदी के कारण किसानो सहित आमजन की कमर तोड़ रहा है तो दूसरी तरफ बारिश और
ओलावृष्टि का कहर जारी है। इससे किसानो की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। शनिवार 25 अप्रैल
की दोपहर जैतहरी और पुष्पराजगढ़ के तीन दर्जन गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि
कहर के रूप में बरसा। जैतहरी विकासखंड में दोपहर 2 बजे
के आसपास आधा दर्जन गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की आशंका जताई गई है।
इनमें बलबहरा, उमरिया, सिवनी, आदर्श गांव
सहित आसपास के गांवों में गरज के साथ लगभग ३० मिनट तक बारिश हुई। इसके साथ आंवला
आकार की ओलावृष्टि हुई। इससे विकासखंड में
लगभग सैकड़ो एकड़ गेहूं की तैयार व कटकर खलिहानों में भंडारित फसलें भींग
गई। वहीं ओलावृष्टि की चोट से दाने प्रभावित हुए हैं।
पुष्पराजगढ़
विकासखंड के पोंडकी अमरकंटक क्षेत्र से लेकर दमहेहड़ी के बीच बिना बारिश बड़े आकार
के ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है। बताया जाता है कि दोपहर लगभग 2 बजे
के आसपास 10-15 मिनट तक आंवला आकार के गिरे ओला से
गांव की धरती सफेद नजर आने लगी थी। वहीं बड़े आकार के ओला गिरने से ग्रामीणों में
भय का माहौल बन आया। प्रभावित गांवों में पोंडकी, भेजरी,
मझौली,
टिकईटोला,
परसवाह,
सरवाही,
खांटी,
न्योसा,
पुरगा,
दमहेड़ी,
कोयलारी,
लीलाटोला,
करपा,
बेनीबारी,
अतरिया,
बघारी,
तुलरा,
चककुम्हर,
धीरूटोला,
पकड़ीटोला
सहित राजेन्द्रग्राम व आसपास के के दर्जनभर गांव हैं जहां कहीं बारिश के साथ तो
कहीं बिना बारिश की बूंदे गिरे सूखे रूप में ओलावृष्टि हुई है। इससे खेतों में
तैयार खड़ी गेहूं की फसल के साथ साथ गहाई के लिए खलिहानों में भंडारित फसल को
नुकसान पहुंचा है।
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