अनूपपुर। दोगुना तिगुना राशि बढ़ाने का लालच देने वाले श्रृष्टिवेयर कम्पनी
के कर्मचारियों की जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ.सुभाष कुमार जैन की
न्यायालय ने जिला अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक के तर्क सुनने बाद खरिज
कर दिया।
थाना कोतवाली अनूपपुर के फरार
पांच आरोपी रामदेव राठौर वार्ड नं.4 जैतहरी,रामाधार
चौधरी अमगवां थाना जैतहरी,शंकर लाल चर्मचार ग्राम चांदपुर थाना
जैतहरी, मनोज कुमार सर्वे चेतना नगर वार्ड नं. 11 थाना
कोतवाली अनूपपुर एवं चंद्रप्रताप सिंह छोटी अमलाई धनपुरी जिला शहडोल ने अपने
गिरफ्तारी से बचने के लिए लगाए गए अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। आरोपियों
द्वारा अग्रिम जमानत का तत्कालीन श्रृष्टिवेयर कम्पनी के छोटे कर्मचारी व उनके
द्वारा हितग्राहियों के साथ कोई छल नहीं करने का आधार बनाते आवेदन लगाया गया
था। आरोपियों ने कोतवाली द्वारा उन्हें
झूठे तथ्यों के आधार पर गिरफ्तार करने की संभावना बताई। पैरवी जिला अभियोजन
अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक रामनरेश गिरी ने इस आधार पर जमानत का विरोध करते
हुए कहा आरोपियों द्वारा विवेचना में
सहयोग नहीं किया जा रहा है, पूर्व के आरोपियों द्वारा प्रस्तुत
नियमित जमानत आवेदन भी न्यायालय द्वारा खारिज किये गए हंै। मध्य प्रदेश निक्षेपकों
के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 को राज्य शासन ने उक्त किस्म के आवेदन
पर विचारण न्यायालय को जमानत देने से प्रतिबंधित किया है इस कारण से आरोपीगण के
द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन निराधार होने से आरोपीगण के प्रस्तुत जमानत आवेदन
पूर्णत: निरस्तगी योग्य हैं। इन तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने जमानत याचिका
खारिज को खारिज कर दी।
शनिवार को मीडिया प्रभारी राकेश
कुमार पाण्डेय ने बताया कि आरोपीगण पर आरोप था कि वे वर्ष 2014 में
अनूपपुर न्यायालय के निकट श्रृष्टिवेयर बैंक को संचालित कर हितग्राहियों को यह
लालच देकर कि इस बैंक में पैसा जमा करने पर 5 वर्ष में
डबल तथा हर माह 750/- रू. बोनस मिलेने का झांसा देकर हितग्राहियों को धोखा देकर
पैसा जमा करवाकर बाद में कम्पनी भाग गई थी,जिसका आज तक हितग्राहियों का
पैसा नहीं मिला।
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