तीन साल बाद भी सिंहपुर डायवर्सन
का निर्माण नहीं हुआ पूरा, ठेकेदार को नोटिस जारी
नहर से 7 गांव 980 हेक्टेयर
भूमि होती सिंचित, किसानों को नहीं मिला मुआवजा
अनूपपुर। जैतहरी विकासखंड के ग्राम पंचायत
वेंकटनगर अलान नदी पर सिंहपुर डायवर्सन योजना 22 करोड़ की
लागत से पूर्ण होगी। जो अपने निर्धारित समय सीमा पूरी होने बाद भी निर्माण कार्य
पूर्ण नहीं हो सका है। इस के निर्माण से स्टेयरिज वियर कैनाल के माध्यम से 10 किलोमीटर
और मानइर करीब 5 किलोमीटर लम्बी बनाई जाएगी। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 10 करोड़
34
लाख का वर्कआडर जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ से जुड़ी अलाननदी वेंकटनगर, कदमसरा,
चोरभटी,
गोधन,
खैरीटोला,
सुलखारी,
खोड्री
उमरिया गांव तक नहर के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था बनाई जाएगी। जिससे 350 किसानों
के 980 हेक्टेयर भूमि को पानी सिंचित किया जाएगा। विभागीय जानकारी के
अनुसार वेंकटनगर और खैरीटोला गांव ५० किसानों की भूमि नहर के अंदर डूब क्षेत्र में
आया है।
सिंहपुर डायवर्सन योजना का काम
जलसंसाधन विभाग निर्माण एजेंसी के अधीनस्थ ग्वालियर के ठेकेदार द्वारा कराए गए जा
रहे निर्माण कार्य में 150 मीटर लम्बी प्रस्तावित बांध निर्माण
में अबतक मात्र 120 मीटर लम्बी कंक्रीटबॉल ही खड़ी की जा सकी है। इस डायवर्सन
योजना से कदमसरा ग्राम पंचायत सहित वेंकटनगर, खैरीटोला,
चोरभट्टी,
गोधन,
खुलखारी,
खोड्री
व उमरिया गांव के 980 हेक्टेयर भूमि को 10 किलोमीटर लम्बी नहर के माध्यम
से सिंचित किया जाना प्रस्तावित था। अलाननदी पर बनाई जा रही सिंहपुर डायवर्सन
योजना स्टेयरिज बियरर यानि नाला आधारित परियोजना है। जिसे वर्ष 2016 से
आरम्भ करते हुए 2019 तक पूर्ण किया निर्धारित था, बावजूद
राजस्व विभाग की अनदेखी और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता में यह परियोजना अबतक
आधे-अधूरे निर्माण में अटकी पड़ी है। माना जाता है कि इस परियोजना में राजस्व
विभाग द्वारा मुआवजा वितरण को लेकर कोताही बरती जा रही है। वहीं शासन द्वारा तय
किए गए मुआवजा राशि को लेकर कुछ किसानों में नाराजगी बनी है,सुलखारी गांव
में किसानों ने जमीन नहीं देते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। जबकि शेष
निर्माण कार्य ठेकेदार की मनमानी से अटक गया है। जलसंसाधन विभाग का कहना है कि
इसके लिए सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया, जिसमें कार्य
को जल्द पूरा कराने की चेतावनी दी गई है। अगर इसके बाद ठेकेदार द्वारा निर्माण
कार्य नहीं किया जाता है तो विभाग आगे की प्रक्रिया पूरी करेगा। विभागीय जानकारी
के अनुसार परियोजना पर पिछले छह माह से कार्य बंद है। जुलाई माह में अकारण ही
ठेकेदार ने निर्माण कार्य बंद कर दिया था। फिलहाल कदमसरा गांव पंचायत सहित अन्य 7 गांव
डायवर्सन योजना के पूर्ण होने उपरांत उससे सिंचित होने वाली खेतों को लेकर आशवान
बनी हुई है। किसानों का कहना है कि इससे हदतक सिंचाई जैसी अव्यवस्था से किसानों को
राहत मिलेगी और खेतों तक आसानी से पानी पहुंच सकेगा।
अबतक नही हुआ मुआवजे का भुगतान
विभाग के अनुसार 350 किसानों से 10 मीटर
चौड़ी नाला (नहर) के लिए जमीन ले रही है। लेकिन विभाग की इस कार्रवाई में किसानों
को मुआवजा की राशि राजस्व विभाग द्वारा नहीं बांटा गया है। बताया जाता है कि सुलखारी
के किसानों ने मुआवजा के अभाव तथा मुआवजा का दर सही मानते हुए निर्माण पर रोक लगा
दी है। वहीं उमरिया गांव में मुआवजा के लिए आवंटित हुई 6 करोड़
की राशि में लगभग 3 लाख 350 हजार
का ही वितरण हो सका है। जिसके कारण यह भी निर्माण में बाधा बनी हुई है।
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