परिवहन के अभाव में सोसायटी पर
सडऩे की कगार पर पहुंची धान,बारिश के कारण नहीं मिले मजदूर
अनूपपुर। जिले में तीन दिनों की लगातार
बारिश तथा जिले में उपार्जन केन्द्रों पर धान की सुरक्षा में सोसायटी व विभागीय
अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही में लगभग 10 उपार्जन
केन्द्र पर असुरक्षित भंडारित लाखों की धान भींग गई। इनमें जिले के 20 उपार्जन
केन्द्रों पर लगभग अब भी 45 हजार 867 क्विंटल धान
असुरक्षित भंडारित है। जिनमें लगभग आधी धान की बोरियां बारिश की झोंके तथा बेस में
पानी भराव के कारण भींग गए। वहीं परिवहन कर भंडारण केन्द्रों तक पहुंचाई गई लगभग 30-35 हजार
क्विंटल भी भंडारण के अभाव में खुले आसमान के नीचे रखी बोरियां बारिश में भींग गई।
इस प्रकार विभागीय सूत्रों के अनुसार बारिश में जिलेभर में 60-65 हजार
क्विंटल धान की बोरियां बारिश में गीली हो गई। इनमें जिला मुख्यालय स्थित अनूपपुर
कृषि उपज मंडी अधीनस्थ दो ओपन कैप पर भी 10 हजार क्विंटल से अधिक धान की
बोरियां भींग गई। कृषि उपज मंडी परिसर से बरबसपुर ओपन कैप तक परिवहन के लिए रास्ता
तक नहीं है। जिस कारण पिछले चार दिनों से पानी में धान की बोरियां भींगी पड़ी है।
धूप नहीं निकलने से बोरियों में बंद धान के अब सडऩे की आशंका जताई जा रही है।
वेंकटनगर उपार्जन केन्द्र पर 3 हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां
गीली गई, इनमें 750 किसानों में से 146 किसानों
के द्वारा 6902 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था। जिसमें ३७८५ क्विंटल धान
का मात्र परिवहन हो सका था, शेष 3117 क्विंटल धान
अब भी सोसायटी पर भंडारित थी। लेकिन तिरपाल और जगह की कमी के कारण यहां लगभग 1000 क्विंटल
धान सोसायटी पर भंडारित तथा 2000 क्विंटल धान किसानों की खरीदी के अभाव
में गीली हो गई। ऐसे ही अमलाई, भलमुड़ी, मलगा,
बिजुरी,
कोठी,
धनगवां,
राजेन्द्रग्राम,
बेनीबारी,
दमेहड़ी,
भेजरी
उपार्जन केन्द्रों पर भंडारण के अभाव में धान की बोरियां भींग गई। बताया जाता है
कि परिवहन के अभाव में धान की यह दुर्गति हुई है। मौसम विभाग की बार-बार चेतावनी
के बाद भी सोसायटी प्रबंधकों, विभागीय अधिकारी व परिवहन ठेकेदार ने
धान उठाव कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां तक विभागीय अधिकारियों ने भी उपार्जन
केन्द्रों का भ्रमण करना उचित नहीं समझा।
उपार्जन के दौरान अधिकांश सोसायटी पर जगह और तिरपाल की कमी में किसानों द्वारा
खरीदी गई धान बारिश की भेंट चढ़ गई। सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि धान खरीदी के
उपरांत बनते लॉट को देखते हुए ठेकेदार सहित नागरिक आपूर्ति विभाग को भी सूचना देते
हुए परिवहन की व्यवस्था बनाने की अपील की गई थी। लेकिन पांच दिनों से उपार्जन
केन्द्रों पर एक भी वाहन नहीं भेजे गए। वहीं सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि
बोरियों को लोड-अनलोड के लिए भी मजदूर नहीं मिले।
कैसे सुखेंगी धान
धान के गीले होने पर विभागीय
अधिकारियों ने प्रबंधकों से धान को सुखाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन जिले में तीन
दिनों से धूप के दर्शन नहीं हुए है और आगामी एक सप्ताह तक धूप-छांव की सम्भावना
जताई गई है। ऐसे में पानी में फूलकर मोटी हो चुकी धान के दाने कैसे सुखेंगे। यहां
तक हवाओं में नमी व्याप्त है।
कितनी खरीदी कितना परिवहन
कुल उपार्जन केन्द्र- 20
कुल पंजीकृत किसान- 12004
अबतक किसान4147
कुल खरीदी धान- 18989.61 क्विंटल
किसानों को देय राशि- 344664710.30 रूपए
परिवहन- 144030.69 क्विंटल
शेष मात्रा- 45867.22 क्विंटल
परिवहन प्रतिशत- 75.85
परिवहन आरम्भ
आज से परिवहन आरम्भ करवा दिया
गया है। जो धान गीली हो गई है उसे सुखाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
आरबी तिवारी, नागरिक
आपूर्ति प्रबंधक अनूपपुर।
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