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गुरुवार, 9 जनवरी 2020

पुष्पराजगढ़ में पाला के बाद अब ओले की मार, दर्जनभर गांव प्रभावित

निरीक्षण में जुटा राजस्व विभाग अमला,पाला पश्चिमी,ओले से पूर्वी गांव में
अनूपपुर मौसम में आ रहे बार-बार परिर्वतनो से किसानों का हाल बुरा है। हाल के दिनों में पुष्पराजगढ़ पश्चिमी क्षेत्र के आधा दर्जन गांव पाला की मार से उबरे नही थे कि 8 जनवरी की रात जिले में हुई बारिश के दौरान पुष्पराजगढ़ पूर्वी क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव ओलावृष्टि की चपेट में आकर तबाह हो गये है। बारिश से पूर्व सूखे रूप में लगभग एक से डेढ़ मिनट तक चना आकार से बड़ी साइज में ओलावृष्टि हुई, जिसके बाद आरम्भ हुई बारिश के साथ भी बड़ी आकार में ओलावृष्टि से लगभग ५ मिनट से अधिक समय तक कहर बरपाया। जिससे ओलावृष्टि की चपेट में लगभग आधा दर्जन गांव में लगी दलहनी और टमाटर की फसल बर्बाद हो गई। अनुमान है कि ओलावृष्टि से उमनिया, वेलगवां, अमगवां, करौंदी, अचलपुर, बघर्रा सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए हैं। जहां लगभग 250-300 हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। यह आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं। ग्रामीण आशुतोष सिंह ने बताया कि पुष्पराजगढ़ का यह प्रभावित क्षेत्र टमाटर की खेती के लिए प्रसिद्ध है, जहां सर्वाधिक नकदी फसल के रूप में 70 प्रतिशत टमाटर की उपज होती है। लेकिन अब ओलावृष्टि के थपेड़े में किसानों को पुन: बीज रोपण करना पड़ेगा, इससे किसानों को नुकसान के साथ दोहरी मेहनत करनी पड़ेगी। हालांकि राजस्व विभाग ने वास्तविक नुकसान और प्रभावित क्षेत्र की जानकारी स्पष्ट नहीं की है। लेकिन तहसीलदार पुष्पराजगढ़  टीआर नाग ने बताया कि रात क समय हुई बारिश के दौरान कुछ गांवों में ओलावृष्टि हुई, जिससे फसल को नुकसान हुआ है। पटवारियों को ग्राम पंचायत क्षेत्र की जानकारी लेकर निरीक्षण करने तथा वास्ताविक नुकसान की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदार के अनुसार ओलावृष्टि विकासखंड के समस्त गांवों में प्रभावी नहीं रहा, इससे कुछ ही गांव प्रभावित हुआ है। जानकारी मिलने के बाद भी नुकसान की सही जानकारी सामने आ पाएगी। अब राजस्व अमला ओलावृष्टि प्रभावित गांवों के निरीक्षण और नुकसान के आंकड़ों को खंगालने में जुटी है। विदित हो कि इससे पूर्व सर्दीली हवाओं के थपेड़ों में पुष्पराजगढ़ का पश्चिमी क्षेत्र पाला से प्रभावित हुआ है। जिसमें लगभग आधा दर्जन गांव में दलहनी फसलें झुलसनें की बात सामने आई है। इन प्रभावित गांवों में उमरिया से सटे गांव खम्रौध, कोर्णा, बघार, बिल्हूपानी, बड़ी तुम्मी, टिट्टी जैतहरी सहित आसपास के गांव शामिल हैं। राजस्व विभाग ने पाला प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण अबतक पूर्ण नहीं किया है। राजस्व अधिकारी के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र उमरिया से सटा हुआ क्षेत्र होने के कारण यहां पाला की अधिक सम्भावना बनी रहती है। हाल के दिनों में पश्चिमी विक्षोप में अनूपपुर जिले का न्यूनतम तापमान 2-0 डिग्री तक बना था। सम्भावना है कि निरीक्षण के दौरान पुष्पराजगढ़ के और गांव पाला प्रभावित गांवों की सूची में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पहले पाला की मार और अब ओलावृष्टि की मार से किसानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, और इससे उबरने में अभी समय लगेगा। 
आसमान में छाए काले बादल, 9.5 मिमी बारिश दर्ज

रात हुई झमाझम बारिश के बाद गुरूवार को दिनभर आसमान पर काले बादलों की जमघट लगा रहा, वहीं पश्चिमी दिशा से बह रही तेज हवाओं के कारण वातावरण में ठंड बनी रही। रात के समय बारिश की आशंका जताई गई है। जबकि अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारी एसएस मिश्रा के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 9.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में 2, जैतहरी में 10.4, पुष्पराजगढ़ में 18, अमरकंटक में 16.4, बिजुरी में 1.8, वेंकटनगर में 24, बेनीबारी में 3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।   

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