जनजीवन रहा प्रभावित,फसलों
में पाला की आशंका
अनूपपुर। जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर भारत में लगाकर
हो रही बर्फबारी में अब अमरकंटक का क्षेत्र भी ठंड की चपेट में प्रभावित हो गया
है। शनिवार - रविवार 11-12 जनवरी की
रात पवित्र नगरी अमरकंटक का तापमान अपने दोबारा न्यून स्तर पर जा पहुंचा, जहां
नर्मदा तट के मैदानी हिस्सों पर अहले सुबह बर्फ की हल्की चादर बिछी नजर आई।
अनूपपुर मुख्यालय में तापमान में गिरावट के साथ गलन भी रात बनी रही। शबनम की जमी
सफेद परत सुबह सूर्य की पडऩे वाली किरणों के साथ धीरे-धीरे पिघली। लेकिन इस दौरान
अमरकंटक नगरी सहित अनूपपुर का जनजीवन कंपकंपाती ठंड से प्रभावित रहा। सम्भावना
जताई जा रही है कि इस शीत लहर और बर्फीली हवाओं के कारण रबी की फसलों को पाला
प्रभावित करेगी। इससे दलहनी और तिलहनी फसलों को अधिक नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल
अमरकंटक की वादियों में दिसम्बर माह में पड़ी कंपकपाती ठंड के बाद दोबारा जनवरी
माह में बर्फीली हवाओं के थपेड़े से तापमान न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया, सम्भावना
है कि कुछ रातें और भी बर्फ जम सकती है। 12 जनवरी की सुबह अमरकंटक का
न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तथा दिन का अधिकतम तापमान 19
डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। जबकि अनूपपुर का भी न्यूनतम तापमान 3
डिग्री और दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
अमरकंटक जानकारों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से लगातार शीत लहर जैसे वातावरण बने
हुए हैं। धूप निकल रही है, लेकिन ठंडी हवाओं के सामने धूप नरम पड़
रही है। इससे वातावरण में सर्द हवाओं का दबाव अधिक बढा हुआ है। वहीं एक ओर जहां
अमरकंटक में बर्फ की चादर जमी है, वहीं जिला मुख्यालय अनूपपुर में भी
तापमान का स्तर नीचे लुढकते हुए गलन भरी रही। शनिवार को दिन के समय खिली धूप नजर
आई, लेकिन
शीत लहर की ठंडी हवाओं में शहरी जनजीवन प्रभावित नजर आया। शुक्रवार-शनिवार की रात
पारा गिरकर न्यूनतम 3 डिग्री सेल्सियस तक आ पहुंचा। सम्भावना है कि अभी जिला
मुख्यालय में बर्फीली हवाओं से राहत नहीं मिलेगी।
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