विभाग की मनमानी, नर्मदा
महोत्सव में पड़ सकता है भारी राजेश शुक्ला
अनूपपुर। नर्मदा सेवा यात्रा के समापन
अवसर 15 मई 2017 को अमरकंटक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली मिनी स्मार्ट
सिटी के रूप मे अमरकंटक को विकसित करने की घोषणा की थी। मिनी स्मार्ट सिटी अंतर्गत
अमरकंटक मे व्यवस्थित दुकाने, सुविधा जनक आंतरिक मार्ग व सुंदर राम
घाट के निर्माण सहित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु 33 करोड रुपए स्वीकृत हुआ था।
मिनी स्मार्ट सिटी का निर्माण मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर के
अधिकारियों की देख रेख मे होना था। अधिकारियो की लापरवाही के कारण निर्माणकर्ता
कंपनी ने आधे अधूरे में कार्य करने से मना कर दिया, जिसका
खामियाजा आगामी 31 दिसंबर से 2 जनवरी से होने वाले नर्मदा महोत्सव में दूर दराज से
पहुंचने वाले श्रृद्धालुओ को उठाना पड़ेगा।
नर्मदा नदी को साफ स्वच्छ रखने
के लिये अमरकंटक में बनाये जाने वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य ठेकेदार ने
शुरू ही किया था कि एनजीटी ने रोक लगा दी,एसटीपी राम घाट के समीप बनाई जा
रही थी स्थल चयन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर के अधिकारियों
द्वारा किया गया था जिसे एनजीटी ने उचित नही माना और कार्य रोक दिया। इसी तरह मिनी
स्मार्ट सिटी अंर्तगत बीते दो सालो मे अधिकारी आवास के लिये जमीन नही तालाश पाये
है। बिल का भुगतान न करने के कारण ठेकेदार ने कार्य करने से मना कर दिया है ऐसे मे
अधूरे सड़क निर्माण के कार्य व आधी अधूरी दुकानें अब मुसीबत का कारण बनती जा रही है।
योजनांर्तगत दस आंतरिक मार्गो का
निर्माण कराया जाना था जिसमे पांच सड़को का निर्माण अब तक प्रारंभ नही हो सका।
परिक्रमावासी मार्ग,सीताराम आश्रम से सोनमुडा, माई की बगिया,
सर्किट
हाउस चौक, मार्ग का निर्माण सीवर लाइन की वजह से रूका है जबकि सीवर लाइन
का ठेकेदार कार्य बंद कर लापता है। इस मार्ग से श्रद्धालु नर्मदा दर्शन के साथ ही
तट पर स्थित आश्रमो तक जाने के लिये करते है। मार्ग निर्माण न होने से पैदल चलना
दूभर है।
गुमराह कर रहे अधिकारी
अमरकंटक में होने वाले नर्मदा
महोत्सव को लेकर जिला प्रसाशन द्वारा तैयारियां की जा रही है वहीं मिनी स्मार्ट
सिटी का कार्य कराने वाले ठेकेदार का पता नही और मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट
लिमिटेड कंपनी जबलपुर के अधिकारी गलत जानकारी देकर प्रसाशन को गुमराह कर रहे है ।
ड्राईंग यहां पहले ही फेल हो चुकी है 6 किलोमीटर तक की डाली गई पाईप लाइन अब किसी
काम की नही रह गई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए खोदे गए गढ्ढे मूक मवेशियो के
दुर्घटना का कारण बन रहे है ऐसे में 31 दिसंबर तक अधिकारी कितना कार्य करा पाते है
समझ के परे है।
नर्मदा नदी के किनारे जिस आईपीएस
को लेकर 6 किमी तक की सीवर लाईन डलवा दी और बाद में एनजीटी की टीम ने उस गड्ढे को
उसे भारने के निर्देश दे दिए और अब अन्य जगह आईपीएस बनाने के लिए जमीन तलाश रहे
है। अबतक जिस गड्ढे के लेवल पर यह पाईप लाईन डाली गई थी और उसका भुगतान किया जा
चुका था अब वह सीवर लाईन व्यर्थ हो गई। वेलोसिटी लेवल फ्लो होता है। विभाग या तो
नई लेवल की लाईन डलवायेगा या पंपिंग स्टेशन की केपेसिटी बढ़ानी होगी, दोनो
स्थितियों में शासन की आर्थिक नुकसान होगा,इसे लेकर अधिकारियों को पसीना
छूट रहा है।
आसान नहीं श्रृद्धालुओं की राह
नर्मदा महोत्सव में दूरदराज से
आने वाले श्रृद्धालू अमरकंटक की प्राकृतिक सौन्दर्यता को जरूर देखना चाहेंगे,
लेकिन
राह आसान नहीं होगी, राहों में बड़े-बड़े गड्ढे ,मिनी स्मार्ट
सिटी के तहत बनने वाले 15 किमी के आंतरिक मार्ग निर्माण में अधिकारियों ने जैसा
चाहा वैसा नहीं हुआ ठेकेदार ने अधर में ही काम रोक कर आगे कार्य पूर्ण करने से मना
कर दिया। शेष बचे 20 दिनों में मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट के अधिकारी क्या कुछ कर
पाते हैं यह तो समय बतायेगा।
इनका कहना है
हमारी पूरी कंपनी कार्य पूर्ण
कराने पर लगी है। ठेकेदार जल्द कार्य शुरू करेगा जो भी कारण थे उन्हे दूर कर लिया
गया है। हमे पर्यावरण विभाग से मंजूरी लेनी होती है जो मिल गई है रामघाट के समीप
इंटरमीडियेट पम्पिंग स्टेशन बनाया जा रहा था न कि ट्रीटमेंट प्लांट एनजीटी से हमे
किसी प्रकार का मतलब नही होता है। नर्मदा महोत्सव प्रारंभ होने तक हम कार्य
दुरूस्त कर लेंगे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओ को किसी तरह की परेशानी न हो इसके
लिए हमारी पूरी कंपनी प्रयासरत रहेगी।
ए.के.नंदा,प्रोजेक्ट
मैनेजर,मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी जबलपुर
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