रौशन सिंह,रामप्रसाद
बिस्मिल,अस्फाक उल्लाह खान का शहादत दिवस पर आमसभा
अनूपपुर। नागरिकता संशोधन कानून
के जरिए केन्द्र की भाजपा सरकार ने भारत का एक और विभाजन का रास्ता साफ कर दिया
है। संविधान के अनुच्छेद 14 में साफ लिखा है की नश£, रंगभेद,
जाति,
मजहब,
भाषा
के आधार पर आमजन के बीच भेदभाव नही किया जाएगा। नागरिकता संशोधन कानून में यदि गैर
मुस्लिम भारत में आकर 6 वर्ष तक रहता है तो उसे भारत की नागरिकता दे दी जाएगी।
किन्तु मुसलमान को नागरिकता पाने के लिए 50 वर्षो का दस्तावेज साबित करना होगा।
पाकिस्तान एक मजहब आधारित देश है,भारत उसके मुकाबले पर क्या धर्म आधारित
देश बनेगा, कभी नही। १९ दिसम्बर १९२९ को देश की बलिवेदी पर महान
क्रांतिकारी ठाकुर रौशन सिंह, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अस्फाक
उल्लाह खान को अलग-अलग जेलो में फांसी हुई थी। इसलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने
१९ दिसम्बर को सद्भावना दिवस, धर्मनिरपेक्ष्ज्ञता दिवस मनाने का फैसला
किया है और जामिया विश्वविद्यालय के छात्रो के साथ जो पुलिस ने मारपीट किया है
इसके विरोध में भी कोतमा गांधी चौक में एक आम सभा करेगी। किसानो, मजदूरों,
बुद्धिजीवियों,
महिलाओं,
नवजवानों,
छात्रों,
अमन
पसंद लोगो से पार्टी ने अपील किया है।
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