दिनभर चली कार्यवाही में विभिन्न
658
प्रकरण में 1 लाख 78 हजार का जुर्माना किया वसूल
अनूपपुर। अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर 19 दिसम्बर
को रेलवे चलित न्यायालय का आयोजन किया गया, न्यायालय में
28
मामले का मौके पर निराकरण किया। वहीं दिनभर चली प्ली बार्गेनिंग कार्रवाई में
विभिन्न प्रकरणों में दर्ज 658 मामलों में 1 लाखा 76 हजार
३३५ रूपए का जुर्माना भी वसूल किया। चलित न्यायालय में रेलवे की ओर से न्यायाधीश
प्रकाश कुमार उइके एवं स्टाफ, ओपी जायसवाल मंडल वाणिज्यि प्रबंधक,
तथा
अशोक शुक्ला सहायक लोक अभियोजक सम्मिलित रहे। वहीं प्ली बार्गेनिंग कार्रवाई में
रेलवे की ओर से प्राधिकृत अधिकारी अशोक शुक्ला अभियोजन अधिकारी, आरपीएफ
तथा रेलवे सुरक्षा बल मनेन्द्रगढ़ से उपनिरीक्षक एसके नाग, रेलवे सुरक्षा
बल उमरिया से उपनिरीक्षक डीके सिंह, और रेलवे सुरक्षा बल अनूपपुर से
उपनिरीक्षक संजय कुमार चलित न्यायालय प्ली बार्गेनिंग कार्रवाई में शामिल रहे।
बताया जाता है कि रेलवे जक्शन अनूपपुर में सुबह 8 बजे अचानक
रेलवे मजिस्ट्रेट प्रकाश कुमार उइके एवं स्टाफों का दल जांच कार्रवाई में निकले,
जहां
स्टेशन पर गंदगी को देखकर न्यायाधीश द्वारा सफाई सुपरवाईजर का मौके पर ही जुर्माना
की कर्रवाई करते हुए पूरे परिसर की सफाई करवाई। साथ ही भविष्य में सफाई व्यवस्था
बनाए रखने के निर्देश दिए। प्लेटफार्म क्रमांक 2 और 3 पर
लगाए गए स्टॉल पर बिलों की जांच की। इसमें सहायक लोक अभियोजक अशोक शुक्ला ने सामान
खरीद करने के बाद बिल की मांग की। बिल देने के उपरांत जांच में दिसम्बर माह में
मात्र 19 बिल कटे पाए। जिसपर चेतावनी देते हुए ग्राहको को बिल के साथ
ही सामान देने के निर्देश दिए। इसी तरह चलित न्यायालय द्वारा प्ली बार्गेनिंग के
मामलों में जुर्माना किया गया। जिसमें बिना टिकट यात्रा करने वाले 99 प्रकरण,
पटरी
पार करने वाले ५० प्रकरण, गंदगी एवं न्यूसेंस फैलाने वाले 01 प्रकरण,
नो
पार्किंग में वाहन खड़ा करने वाले 19 प्रकरण, महिला कोच
एवं दिव्यांग कोच में यात्रा करने वाले 10 प्रकरण, बिना लाइसेंस
सामान बेचने वाले 03 प्रकरण, अनियमित यात्रा करने वाले 37 प्रकरण,
बिना
बुक किए लगेज के 409 प्रकरणों में 1 लाख ७६ हजार 335 रूपए का
जुर्माना काटा गया। न्यायाधीश प्रकाश कुमार उइके ने बताया कि यह प्ली बार्गेनिंग
कार्रवाई यानि अपराध दंड सौदा। जिसमें अपराधी शिकायतकर्ता से समझौता करके अपने
अपराध को कोर्ट के सामने स्वीकार करते हुए अपने लिए कम सजा की मांग करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें