नियमित संवर्ग के अभियोजन
अधिकारियों के पदस्थापना की मांग
अनूपपुर। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर
नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों के प्रदेश आह्वान पर 27 दिसम्बर को
जिला स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया
गया। ज्ञापन सौपने वालों में जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि, सहायक
जिला अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी, राकेश पांडेय सहित अन्य
पदाधिकारी मौजूद रहे। ज्ञापन में अधिकारियों ने 11 सूत्री
मांगों को रखते हुए नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों की पदस्थापना की मांग की।
साथ ही बताया कि इनके अभाव में गम्भीर अपराधों से जुडे पैरवी की कार्रवाई प्रभावित
हो रही है। ज्ञापनकर्ताओं के अनुसार नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारी राज्य लोक
सेवा आयोग से चयनित राजपत्रित अधिकारी है, जिनका प्रमुख कार्य आपराधिक
न्यायालय में पैरवी, अपील-रिवीजन, विभिन्न विभागों को विधिक सलाह, सजा
के आकंडे, आपराधिक मामलों की मानीटरिंग, प्रशिक्षण व
स्क्रूटनी करना है। नियमित संवर्ग की पैरवी के परिणाम स्वरूप अधिकांश मामलों में
सजा कराने में सफलता मिलती है। गैर संवर्ग के अभियोजक लोकल संपर्क, निजी
प्रैक्टिस, उत्तरदायित्व के अभाव तथा कार्य अनुभव की कमी के कारण गंभीर
आपराधिक मामलों में समुचित पैरवी तथा अपील-रिवीजन की कार्रवाई नहीं हो पाती। गैर
संवर्ग के अभियोजकों पर शासन का कोई नियंत्रण नही होता। वहीं मांगों में सहायक
जिला लोक अभियोजन अधिकारी एडीपीओं का वेतनमान छठवें वेतन आयोग में ग्रेड पे 5400
रूपए निर्धारित, लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पद नियमित संवर्ग के लिए
आरक्षित, संवर्ग के अधिकारियों का लंबित समयमान अविलंब स्वीकृत, जिला
स्तर पर प्रत्येक अभियेाजन कार्यालय के लिए एक शासकीय एसयूवी वाहन बजट स्वीकृत,
स्टेशनरी,
विधिक
पुस्तकों, समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के लिए लाइब्रेरी एलाउंस, संचालनालय
लोक अभियोजन तथा जिला व तहसील लोक अभियोजन कार्यालय भवन राशि स्वीकृत, न्यायालय
में पैरवी के दौरान निर्धारित गणवेश प्रत्येक अभियोजन अकधकरी को ड्रेस एलाउंस
वार्षिक स्वीकृत, जिला व तहसील में पदस्थ अभियोजन अधिकारियों को शासकीय आवास
उपलब्ध, एससी एवं एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रकरणों के लिए
उपसंचालक स्तर विशेष लोक अभियोजकों के पद स्वीकृत, जिला स्तर पर
पर्याप्त संख्या में डीडीपी/अति.डीपीओं के पद स्वीकृत, संचालनालय
लोक अभियोजन का पुनर्गठन किए जाने की बात शामिल रही।
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