10 कमरे वाले
टिन शेड के नीचे ८०० छात्र कर रहें अध्ययन,मूलभूत सुविधाओं का बन रहा अभाव
अनूपपुर। शासकीय बिजुरी कॉलेज टिन की शेड के नीचे संचालित हो रही है। यहां
एकाध सैकड़ा छात्र-छात्राएं नहीं बल्कि 800 विद्यार्थी अध्ययरनरत है वो भी
मात्र 10 कमरे में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बिजुरी में उच्च शिक्षण की
कमी को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2014-15 में
बिजुरी कॉलेज संचालित कराने घोषणा की थी। लेकिन कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया में
सालभर बीत गए। इसके बाद शासन ने उच्च शिक्षा के लिए विदेशी सहयोग प्राप्त करते हुए
विश्व बैंक संस्थान द्वारा 6.50 करोड़ की राशि आवंटित करवाई गई थी। कॉलेज
निर्माण की जिम्मेदारी शासन ने जिला प्रशासन को सौंपी। नगरीय क्षेत्र के भगता गांव
में लगभग 6 एकड़ की जमीन पर वर्ष 2014 से द्वितीय
भवन का निर्माण आरम्भ कराया गया। लेकिन पिछले दो साल से जारी निर्माण कार्य के बाद
भी कॉलेज की बिल्डिंग को पूरा नहीं किया जा सका है। कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग
में अनेक कामों को अबतक शुरू भी नहीं
कराया जा सका है। कॉलेज प्राचार्य विक्रम सिंह बघेल का कहना है कि प्रावधानों के
अनुसार बिल्डिंग निर्माण करने वाली एजेंसी ठेकेदार को 24 फरवरी तक ही
निर्माण कार्य पूरे किए जाने की समयावधि दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार ने
कुछ माह में पूरे भवन का कार्य पूर्ण करने का आश्वासन देते हुए नए सत्र से कॉलेज
सुर्पुद करने की बात कही थी। लेकिन जुलाई माह से आरम्भ नए सत्र के बाद भी भवन का
निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है, बताया जाता है कि कॉलेज भवन का
निर्माण कार्य अब भी जारी है। हालात यह है कि विश्व बैंक से आवंटित 6.50 करोड़
की राशि के बाद भी वर्तमान बिजुरी कॉलेज टिन की शेड के नीचे संचालित हो रहा है।
यहां कार्यालय सहित कुल 11 कमरे उपलब्ध है। 34 हजार
प्रति माह की किराए पर संचालित कॉलेज में शौचालय, पानी सहित
अन्य मूलभूत जरूरतों की असुविधाएं बनी हुई है। पानी के लिए स्थायी ओवरहैड टैंक तक
नहीं है। प्राचार्य का कहना है कि शुरूआती समय निजी स्कूल परिसर होने के कारण
मात्र तीन कमरे मे कॉलेज का संचालन किया गया था। बाद में यह अनुमान था कि भवन के
निर्माण कार्य जल्द पूर्ण होने पर वह नए भवन में शिफ्ट हो जाएंगे। लेकिन वर्ष 2011 में
कॉलेज प्रशासन को हैंडओवर होने वाले कॉलेज भवन को ठेकेदार ने हैंडओवर नहीं किया।
कॉलेज सूत्रों के अनुसार यहां प्राचार्य के पद रिक्त है। इसके अलावा सहायक
प्राध्यापकों के 14 पद और ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी के 1-1 पद
स्वीकृत है। जिसमें 11 सहायक प्राध्यापकों के जगह गेस्ट
फैकेल्टी कार्यरत है। यहीं नहीं 1 ग्रंथपाल की जगह भी संविदा कर्मी लगाए
गए हैं। उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा कुल 17 पद स्वीकृत
किए गए थे। लेकिन मात्र तीन के भरोसे कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इसके कारण
विद्यार्थियों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है।
10 कमरों में 800 छात्र-छात्राएं
बिजुरी आबादी के हिसाब से
कोयलांचल क्षेत्र की बड़ी नगरपालिका है। यहां 800 विद्यार्थियों
की तादाद यह बताने के लिए काफी है कि अनूपपुर के अनुसार यहां भी बच्चे उच्च शिक्षा
के लिए आगे आ रहे हैं। बावजूद यहां पिछले चार सालों से संचालित कॉलेज की दुर्दशा
पर प्रशासन ने सुधी नहीं ली। गर्मी के दिनों में टिन शेड के नीचे पढऩे की विवशता
और ठंड में हांड मांस को कंपकपाने वाली सर्द शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित करती है।
लेकिन एक ओर जहां ठेकेदार की मनमानी हावी है तो दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा जल्द
कार्य पूर्ण पर कोई पहल नहीं कराया जा रहा है।
इनका कहना है
कॉलेज भवन निर्माण का कार्य अब
भी जारी है। हर बार ठेकेदार एकाध माह में कॉलेज हैंडओवर करने की बात कहता है। वैसे
तो भवन का निर्माण कार्य 24 फरवरी 2019 में पूर्ण
हो जाना था, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा है।
विक्रम सिंह बघेल,प्रभारी
प्राचार्य शासकीय कॉलेज बिजुरी।
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