दो परिवारों का हुआ मिलन,एक
दूसरे के साथ रहने लिया वचन
अनूपपुर। न्यायालयों में लम्बित चल रहे प्रकरणों में आपसी सुलहनामें के
साथ विवादों का निपटरा कराने 14
दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिसमें लोक अदालत में प्रस्तुत हुए 1356
प्रकरणों में 297 प्रकरणों का निराकरण हुआ और लोक अदालत को 1
करोड़ 42 लाख से अधिक की अवार्ड राशि प्राप्त हुई। जिला विधिक सहायता
अधिकारी जितेन्द्र मोहन ध्रुर्वे ने बताया कि जिला मुख्यालय अनूपपुर एवं तहसील
न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन डॉ. सुभाष कुमार
जैन, जिला
न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के मार्गदर्शन में
किया गया। जिला न्यायालय में न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल, एवं
भू-भास्कर यादव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। तीनों
न्यायालयों में कुल 10 खण्डपीठों का गठन किया गया था। इसमें दाण्डिक, शमनीय
प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर
दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि
अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का
निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय, अनूपपुर, तहसील कोतमा
एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मे से 1356 प्रकरणों को लोक अदालत मे रेफर
किया गया, जिनमें से कुल 297 प्रकरणों का निराकरण हुआ। प्रीलिटिगेशन के
1157 प्रकरण लोक अदालत में प्रस्तुत हुए जिनमें से 38 प्रकरणों का निराकरण लोक
अदालत के माध्यम से हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल राशि 14289381 अवार्ड हुई।
दो परिवार में हुआ मिलन
लोक अदालत में दो प्रकरणों में
आपसी कलह के कारण अलग रह रहे पति-पत्नी को समझाईश देकर खुशी-खुशी एक साथ रहने पर
राजीनामा कराया गया। एक प्रकरण में पत्नी भरण-पोषण की राशि प्राप्त कर पति से अलग
रह रही थी। लोक अदालत में दोनों पक्षों को समझाईश दी, पत्नी
भरण-पोषण की राशि न लेकर पति के साथ रहने को तैयार हो गई। जबकि दूसरे प्रकरण
भरण-पोषण की राशि दिलाए जाने के लिए न्यायालय में विचाराधीन था, इसमें
भी पति-पत्नी राजीनामा से एक साथ रहने को तैयार हो गए।
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