एक-दो के भरोसे संचालित हो रही
प्राथमिक व माध्यमिक की पाठशाला
अनूपपुर। जिले में बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को तैयार करने शिक्षा विभाग गम्भीर नहीं दिख
रहा है। आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए मात्र दो माह का समय शेष है। यह पहला मौका
होगा जहां जिले के प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के परीक्षार्थी पास और फेल की
प्रक्रिया से गुजरेंगे। बावजूद जिले के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा
का स्तर पूर्ववत की भांति न्यून और कोरी प्रक्रियाओं में पूर्ण किया जा रहा है।
जिले में संचालित 1161 प्राथमिक और 393 माध्यमिक स्कूलों की कक्षाओं के
लिए वर्ष 2018 के अनुसार मात्र 3742 शिक्षक मौजूद हैं,जो
कक्षाओं के अनुसार 6984 शिक्षकों की आवश्यकता बताता है। लेकिन
उपलब्ध शिक्षकों की संख्या बाद भी स्कूलों में दो शिक्षकों की उपलब्धता दर्शाता
है। यानि प्राथमिक और माध्यमिक जैसे आधारभूत शिक्षण संस्थान मात्र 2-3
शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। लेकिन आश्चर्य इनमें जिले के 1161
प्राथमिक स्कूलों में 77 ऐसे भी स्कूल संस्थान है जहां मात्र 1
शिक्षक पूरी प्राथमिक स्कूल की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं। जबकि 393
माध्यमिक स्कूलों में 44 ऐसे स्कूल है जो एक शिक्षक के भरोसे
संचालित हो रहे हैं। इस प्रकार कुल 121 स्कूलों में एकाध शिक्षक द्वारा
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कराई जा रही है। वहीं 15 ऐसे स्कूल
संस्थान हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इनमें 3 प्राथमिक
स्कूल संस्थान तो 12 माध्यमिक स्कूल संस्थान शामिल हैं। शिक्षा विभाग सूत्रों की
माने तो जिले में वर्तमान में कुल कितने शिक्षक पदस्थ है, शिक्षा विभाग
से जुड़े तीनों विभाग आदिवासी विकास विभाग, जिला शिक्षा
विभाग और जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक जैसे अधिकारियों तक को पता नहीं है।
तत्कालीन कलेक्टर पी अनुग्रह ने आदिवासी विकास विभाग से शिक्षकों की संख्या,
स्कूल,
स्वीकृत
पद और रिक्त सहित पूरी जानकारी सूचीबद्ध करवाते हुए जानकारी मांगी थी। आदिवासी
विकास विभाग ने जानकारी के लिए सकुर्लर तो जारी किया, स्कूल
संस्थानों से वास्तविक जानकारी नहीं आ सकी। वहीं माना जाता है कि हाल के दिनों में
शासन द्वारा ऑफ लाइन माध्यम से किए गए स्थानांतरण प्रक्रिया में अधिकांश शिक्षकों
ने अपने जिलों में सुविधा के अनुसार स्थानांतरण करवा लिया, जिसके बाद
उनके रिक्त स्थानों पर बाहरी शिक्षकों से पूर्ति नहीं हो सकी। इसमें कहां और कितने
शिक्षकों का पद रिक्त या भरा है विभाग के पास कोई जानकारी है, और
ना ही तीनों विभाग ने सामंजस्य स्थापित करने सूचियों को अदान प्रदान किया है।
कैसे होगा बोर्ड परीक्षाओं की
तैयारी
जिले के चारों विकासखंड में 603
गांवों के लिए मात्र 1161 प्राथमिक और 393 माध्यमिक
स्कूल है। यानि दो गांवों के बीच एक माध्यमिक स्कूल शिक्षण संस्थान संचालित कराई
जा रही है। इनमें सबसे दयनीय स्थिति पुष्पराजगढ़ विकासखंड की बनी हैं, जहां
269
गांवों के लिए 538 प्राथमिक, 154 माध्यमिक स्कूल है। जबकि 20
हाईस्कूल और 24 हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। लेकिन यहां शिक्षकों के अभाव में
परीक्षाओं से सम्बंधित न तो कोर्स के अध्याय पूरे कराए जा रहे हैं और ना ही विशेष
कक्षाओं के माध्यम से उनकी पूर्ति।
कहां कितने शिक्षक पदस्थापित (2018 के
अनुसार)
विकासखंड प्राथमिक माध्यमिक
अनूपपुर 417
232
जैतहरी 678
336
कोतमा 332
149
पुष्पराजगढ़ 1163 435
कुल- 2590 1152
नवागत सहायक आयुक्त आदिवासी
विकाश विवेक पान्डेय का कहना है कि मै अभी पदभार ग्रहण किया हूँ,अभी
तक की जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षको को भर्ती की गई किन्तु दूरस्थ अंचलो में
नही हो सकी है। इसके लिए समीप के स्कूलो के शिक्षको को उन स्कूलो में भेज कर पढ़ाई
कराई गई है।
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