चोरों ने चलती लाईन से काटी
बेसकीमती केबिल,पहरेदारी पर
खडे हो रहे सवाल
अनूपपुर। अमरकंटक ताप विद्युतगृह
की सुरक्षा में मण्डल के सुरक्षाकर्मियो के अलावा तीनो सिफ्टो मे निजी सुरक्षा
कर्मी भी तैनात है, इसके बावजूद भी चोर पावर हाउस के अंदर प्रवेश कर अंडर ग्राउंड
लाखो की केबिल काट कर घण्टों विद्युत उत्पादन ठप कर देते है,जिम्मेदार
पहरा देेते रहे। इसके पहले १२० मेगावाट इकाई के डिसमेंटल के कार्य के दौरान नॉट
फॉर सेल का हैवी ट्रांसफार्मर गायब हो जाता है। फिर भी ताप विद्युतगृह की सुरक्षा
पुख्ता बताई जाती है। कुल मिलाकर ताप विद्युतगृह के अंदर से कोई भी सामान कब चोरी
चला जायेगा और इसकी जिम्मेदारी सुरक्षा विभाग है।
कभी प्रदेश के ताप विद्युतगृहो
में सर्वश्रेष्ट उत्पादन व पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की पहचान रखने वाला अमरकंटक
ताप विद्युतगृह इन दिनों लापरवाहियो के मामलो मे अपनी पहचान बना रहा है। और
सुरक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि कब कौन से कीमती उपकरण अंदर से पार हो जाते है,
और
सुरक्षा विभाग पहरा देते रहता है। यह अलग बात है कि मुख्य अभियंता अपने संस्थान के
पहरेदारो को क्लीन चिट दे दें, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे
सवालों का शायद ही जवाब वह दे पायेंगे, बीते कुछ माहो में एक के बाद एक
मामलो ने विभाग के अधिकारियो को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
नॉट फॉर सेल का हैवी ट्रांसफारमर
चोरी
पहला मामला तब सामने आया जब १२०
मेगाबाट इकाई के डिसमेंटल का कार्य कर रही कंपनी के द्वारा स्क्रैप के साथ
ट्रांसफार्मर ले जाया गया। सुबह निरीक्षण के लिए गठित दल ने जब वहां पर नॉट फॉर
सेल का हैवी ट्रांसफारमर नही पाया तो उसके हांथ पांव फूल गये। जब खोज बीन शुरू हुई
तो पता चला कि स्क्रैप के साथ वह ट्रांसफारमर ट्रक में ले जाया गया। सवाल यह उठता
है कि जब ट्रांसफारमर को गेट के बाहर ले जाने के काई दस्तावेज जिम्मेदार अधिकारियो
ने सुरक्षा विभाग को नही दिये तो सुरक्षा विभाग ने उसे गेट के पार कैसे होने दिया।
यह अलग बात है कि डिसमेंटल का कार्य कर रही कंपनी के खाते से ट्रांसफारमर की रकम
जमा करा ली जाये लेकिन जो सामान विक्रय योग्य नही था उसे कैसे गेट के बाहर जिम्मदारों
ने जाने दिया।
अंडरग्राउंड केबिल कटि
दूसरा मामला ताप विद्युत गृह की
पांचवी २१० मेगाबाट इकाई के टरबाइन के समीप अंडरग्राउंड केबिल के काटे जाने से
घण्टो विद्युत का उत्पादन ठप होने पर सामने आया। सवाल खडा होता है कि पावर हाउस के
अंदर प्रवेश कर विद्युत उत्पादन मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अंडरग्राउंड
केबिल कट जाती है और सुरक्षा विभाग के अधिकारियो को पता नही होता। यह वाक्या ७-८
दिसंबर की दरमियानी रात का है। जहां अचानक रनिंग प्लांट ट्रिप हो गया संयत्र
पर्यवेक्षको ने अपने तरीके से जांच की जब प्लांट में कुछ खराबी समझ मे नही आयाी तो
उन्होने इलेक्ट्रिक विभाग के अधिकारियो को बुलाया और उसके बाद माजरा सामने आ सका।
शुरू नही हुई जांच
यह कोई मामूली घटना नही कही जा
सकती, क्योकि बेवजह विद्युत का उत्पादन ठप होना सरकार के राजस्व को
खुले तौर पर नुकसान पहंचाने से कम नही है। और इसमे प्रथम दृष्ट या सुरक्षा विभाग
की लापरवाही सामने आ रही है कि पहरेदारी मे लगे सुरक्षाकर्मी ताप विद्युतगृह के
अंदर कितनी तनमयता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते है। पहरेदार सुरक्षा मे लगे
है और कोई पावर हाउस के अंदर पहुंचकर अंडरग्राउंड केबिल काट दे यह अपने आप मे बडी
बात है। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी अब तक किसी प्रकार की जिम्मेदार विभागो
द्वारा जांच शुरू नही की गई, जबकि छोटे छोटे मामलो मे कर्मचारियो को
नोटिस जारी कर दी जाती है।
थाने मे नही सूचना
पावर हाउस के अंदर अंडरग्राउंड
केबिल काटे जाने की घटना कोई छोटी बात नही है। जिससे सीधे विद्युत का उत्पादन ठप
हो जाये वह अपने आप मे बडा मामला है। इस पूरे वाक्ये में सप्ताह गुजरने को है,
लेकिन
सुरक्षा विभाग के अधिकारियो के द्वारा थाने मे किसी भी प्रकार की कोई सूचना नही दी
गई, जबकि
पदस्थ उपनिरीक्षक के द्वारा कई मरतबा छोटे मोटे प्रकरणो पर तत्काल पुलिस को इत्तला
की जाती है और इतने बडे मामले मे पुलिस को सूचना न देने से पूरा विभाग कटघरे मे
खडा दिखाई पड रहा है।
क्यो नही होती कार्यवाही
विभाग में
अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही समय अंतराल मे प्रमाणित तौर पर आने के बाद भी
आखिर ऐसी क्या वजह होती है कि उनके विरूद्घ कार्यवाही नही की जाती। औद्योगिक
क्षेत्र जैसे संगीन संस्थान से बेसकीमती उपकरण या लाखो-करोडो की
अंडरग्राउंड केबिल के काटे जाने का कोई छोटा मामला नही है। इसमे किसकी संलिप्तता
है और किसकी लापरवाही से समय समय पर चोरी जैसी वारदात हो जाती है। शासन ने ताप
विद्युतगृह चचाई की ओर ध्यान नही दिया तो यूं ही हमेशा क्षति का सामना कर चुकाना पडेगा।
इनका कहना है
अंडरग्राउंड केबिल काटे जाने की
सूचना मिलने पर हमारे द्वारा दूसरे स्थान से नई केबिल जोड कर पावर प्लांट चालू
करवाया गया। केबिल कितनी कटी है यह मै नही बता सकता, क्योकि केबिल
अंडरग्राउंड डली हुई है। कितने कीमत की केबिल है कितने मीटर है इस संबंध मे मै कुछ
नही बता सकता, हमारा काम सुधार का है और हमने उसे किया है।
अजय कुमार परतेती,कार्यपालन
अभियंता इलेक्ट्रिकल २१० मेगाबाट आ.ताप विद्युतगृह, चचाई
ऐसा कुछ भी नही है जैसा मीडिया
के सामने रखा जा रहा है पर्सनली मिलकर बताता हूं।
बृजेश कुमार अवस्थी, सुरक्षा
उपनिरीक्षक आ.ताप विद्युतगृह , चचाई
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें