समस्याओं के निराकरण हेतु
कलेक्टर से किया आग्रह
अनूपपुर। मध्यप्रदेश अध्यापक महासंघ जिला इकाई अनूपपुर ने मंगलवार को
प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए विभिन्न मांगे रखी।
जिसमे अध्यापक महासंघ ने 20-50 फार्मूले के
तहत अनिवार्य सेवा निवृत्ति आदेश निरस्त किये जाने की प्रमुखता से मांग रखी।
ज्ञापन में प्रदेश के 16 अध्यापक / शिक्षक संवर्ग को 20 वर्ष
की सेवा या 50 वर्ष की आयु के फार्मूले के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई
है। जो शिक्षक विरोधी है इसे तत्काल सरकार अपने स्तर पर वापस करे। जिन अध्यापको / शिक्षको
को अनिवार्य सेवा निवृत्ति किया गया है उन्हे शिक्षको के परीक्षा मे फेल होने की
बाते सामने आ रही है जबकि इनमे से अनेक शिक्षक ऐसी किसी परीक्षा मे बैठे ही नही
है। हम शिक्षक शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कक्षा 1 से कक्षा 8 तक
और कक्षा 9 से 12 तक सुबह स्कूल आरंभ होने से लेकर
विद्यालय मे दिन की समाप्ति तक पल प्रति पल उच्च विभागीय निर्देशो का पालन करते
हुए अध्यापन कार्य कराते है। यदि ऐसी स्थिति मे परीक्षा परिणाम प्रभावित होता है
तो सिर्फ शिक्षको को ही दोषी माना जाना आलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण है।
विद्यार्थियो के परीक्षा परिणाम की जिम्मेदारी विभाग मे हर स्तर पर तय की जाये।
माह अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र को व्यवहारिक बनाया जाये। ताकि बच्चों को
वास्तिविक लाभ मिल सके। प्रवेश
प्रक्रिया अप्रैल से अगस्त तक जारी रहने से भी कार्य प्रभावित होता है। मांगो में
छटवे वेतनमान की विसंगतियो का निराकरण विद्ववान वेतन से गणना कर सातवे वेतन मान का
लाभ इसी माह से प्रदान कराये जाने की मांग की है। इसके साथ ही अन्य मांग रखी।
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