इंगॉराजवि में कुलपति प्रो.प्रकाशमणि
त्रिपाठी ने किया पदभर ग्रहण
अनूपपुर / अमरकटंक।
विश्वविद्यालय
जनजातीय समूहों के उन्नयन,सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं
कलात्मक अभिरूचियों की संवृद्घी हेतु सतत् प्रयासरत रहेगा। जनजातीय समूहों को
विकास की मुख्यधारा में लाने हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार की आदिवासियों के
उत्थान से संबंधित विभिन्न सरकारी योजनाओं को अमल में लाने के साथ ही इन योजनाओं का
प्रचार-प्रसार किया जाएगा। विकास हेतु शिक्षा अति आवश्यक है। देश के सुदूर अंचल से
जनजातीय विद्यार्थियों को विष्वविद्यालय में लाकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे
लाया जाएगा। जनजातीय समूहों में उपस्थित प्रकृतिजन्य पारंपरिक वनौशधि ज्ञान,
देशज
तकनीकी ज्ञान के संवर्धन और उनकी जनजातीय कलाओं को समाज तक ले जाने हेतु प्रयास
किये जाएगें। मेरी सदैव यह कोशिस रहेगी कि अद्यतन समाज के विकास का लाभ इन्हें
मिले। उक्त आशय का विचार 6 दिसम्बर को नये कुलपति प्रो.प्रकाशमणि
त्रिपाठी ने इं.गॉ.रा.ज.वि.वि.के कार्यभार ग्रहण करने के दौरन कहीं। प्रो.त्रिपाठी इससे पूर्व पं.दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर
विश्वविद्यालय,में राजनीति विज्ञान विभाग में कला संकायाध्यक्ष के पद पर
कार्यरत थे। राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं मुख्य अधिष्ठाता के रूप में अपनी
सेवाएं दे चुके हैं।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय
में चल रहे अनुसंधान को न केवल राष्ट्रीय अपितु अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर ले
जाने की दिशा में कार्य करना होगा। जिससे विभिन्न जनजातियों के समन्वय हेतु प्रयास
किया जाएगा। अनुसंधान का लक्ष्य 'लैब टू लैंड' और 'कैम्पस
टू सोसायटी' होगा जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे अनुसंधान का लाभ
स्थानीय समाज के साथ भारत के वृहत्तर समाज और वैष्विक फलक को भी मिले।
विश्वविद्यालय प्रशासन जवाबदेही, समयबद्वता, संवेदनशीलता
एवं पारदर्शिता जैसे मूल ध्येय बिन्दुओं के साथ कार्य करेगा। मेरा प्रयास विश्वविद्यालय
को अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की रहेगी।
प्रो.त्रिपाठी की राजनीति
विज्ञान की विविध विधाओं में चौबीस किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं,साथ
ही राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर के शोध जर्नल्र्स में तीन दर्जन से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
अंर्तराष्ट्रीय राजनीति, राष्ट्रीय राजनीति,प्राचीन
भारतीय राजनीति पर विशेषज्ञता है। हिंदी संस्थान द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी
पुरूस्कार एवं इप्सा द्वारा निहाल सिंह यादव, राष्ट्रीय
पुरूस्कार से अलंकृत किया जा चुका है। सन् 2018 में
ब्रिस्बेन में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय राजनीतिक विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया
है। दूरदर्शन, आकाशवाणी में विषय विशेशज्ञ के रूप में आमंत्रित किये जा चुके
है। अनेक लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। कार्यभार ग्रहण करते ही कुलपति
ने विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्षों व विभागाध्यक्षों एवं प्रशासनिक
अधिकारियों से औपचारिक मुलाकात कर विभागाध्यक्षों से विभाग में चल रही गतिविधियों
के विषय की जानकारी ले विकास कार्यों की समीक्षा की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें