एक दो दिन और बारिश हुई तो होगा
काफी नुकसान
अनूपपुर। जिले भर में तीन दिनों से हो रही
बारिश से जहा जनजीवन अस्त व्यस्त है वहीं किसानों से खरीदी गई धान का खुले में
भंडारित कर बरबसपुर विभागीय अधिकारियों और सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही में दस
हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां बारिश से गीली हो गई। कुछ बोरियां अब भी पानी
के जमाव में भींगकर सडऩे के कगार पर है। आशंका है कि अगर एकाध दिन और बारिश हुई तो
सभी भींगी धान की बोरियां सड़ जाएगी। जिसमें 1815 के समर्थन
मूल्य में किसानो से खरीदी की गई लगभग लाखों रूपए की धान के नुुकसान की आशंका जताई
जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि बिजली के अभाव में यह हालात बनी है। ग्राम
पंचायत स्तर पर बिजली की आपूर्ति के कारण बोरियों की सिलाई नहीं हो सकी और ना ही
उनका भंडारण। जिसके 31 दिसम्बर से आरम्भ हुई लगातार बारिश में
खुली कैप पर असुरक्षित रखी गई धान की सभी बोरियां बारिश की बौछार में गीली हो गई
है। कुछ बाोरियों की लॉट जिसे ढककर रखा गया है, वो भी औने
पौने ढकाई की वजह से गीली पड़ी है। जबकि किसानों से पिछले एक सप्ताह में खरीदी हुई
धान की बोरियां जमीन पर पानी के जमाव के कारण भींगकर बर्बाद हो गई है।
विभागीय
जानकारी के अनुसार जिले में खरीफ उपार्जन के लिए 20 केन्द्र
बनाए गए हैं। जिनमें 9 केन्द्रों पर उपार्जन के साथ भंडारण की व्यवस्था बनाई गई है।
इनमें अनूपपुर कृषि उपज मंडी अंतर्गत दो स्थानों कृषि उपज मंडी परिसर और बरबसपुर
ओपन कैप पर खरीदी और भंडारण के रूप में शामिल है। साथ ही जिन स्थानों पर गोदाम की
व्यवस्था नहीं है, उन उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी कर बरबसपुर ओपन भंडारण कैप
पर परिवहन कर लाया जा रहा है। जिसमें बरबसपुर ओपन कैप पर अबतक 758 पंजीकृत
किसानों में से 325 किसानों द्वारा 11 हजार 902 क्विंटल
धान की खरीदी की जा चुकी है। बताया जाता है कि ओपर कैप पर 1 लाख मीट्रिक
टन क्षमता धान भंडारण की क्षमता है। जिसके कारण अनूपपुर के स्थानीय उपार्जन
केन्द्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा, अमलाई,
पयारी
नम्बर 01, पटनाकला, जैतहरी विकासखंड के धनगवां, वेंकटनगर,
जैतहरी,
पुष्पराजगढ़
विकासखंड राजेन्द्रग्राम, बेनीबारी, भेजरी,
दमेहड़ी
जैसे उपार्जन केन्द्रों का धान भी गोदाम के अभाव में भंडारण के लिए बरबसपुर
पहुंचता है। यह हालात सिर्फ बरबसपुर ओपर कैप की नहीं, बल्कि जिले
के कोतमा, वेंकटनगर, सहित अन्य मुख्य उपार्जन केन्द्रों पर
बनी है, जहां शासन द्वारा खरीदी पूर्व धान के सुरक्षित खरीदी और परिवहन
के दिए निर्देश के पालन में विभाग और सोसायटी प्रबंधकों ने कोई दिलचस्पी नहीं
दिखाई।
विदित हो कि अनूपपुर जिले में
चारो विकासखंड के 485 गांवों से 12004 किसानों ने धान उपार्जन के लिए
अपना पंजीयन कराया था। जिसमें 2 दिसम्बर से आरम्भ हुई खरीदी में अबतक 4147 किसानों
ने 1
लाख 87 हजार 897 क्विंटल धान की बिकवाली की है। इनमें
अबतक कुल 1 लाख 44 हजार 30 क्विंटल धान
का ही परिवहन हो सका है। शेष 45 हजार 867 क्विंटल धान
उपार्जन केन्द्र पर असुरक्षित भंडारित हैं।
चार दिनों से नहीं हो सका परिवहन
सोसायटी प्रबंधक का कहना है कि
बारिश के कारण धान की बोरियां गीली हो गई है,अधिक ठंड व
बारिश के कारण केन्द्रों पर भंडारित धान के परिवहन के लिए सोसायटी को मजदूर भी
नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण उपार्जन केन्द्रो से पिछले तीन-चार दिनों से एक भी
बोरी का परिवहन नहीं हो सका है। यहां तक ट्रकों में लोड बोरियों को लोड और अनलोड
भी नहीं किया जा सका है।
इनका कहना है।
धान की बोरियों को सिलकर लॉट में
सुरक्षित भंडारित किया जाना था। लेकिन ये बोरी की सिलाई भी नहीं करवा सके। यह
सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही है,इस सम्बंध में शासन को पत्र के माध्यम
से जानकारी दी जाएगी।
आरबी तिवारी, नागरिक
आपूर्ति विभाग प्रबंधक अनूपपुर।
राजेश शुक्ला
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें