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बुधवार, 8 जनवरी 2020

हड़ताल से कॉलरी खदानों पर पसरा सन्नाटा, करोड़ों का नुकसान,अभियंता संघ ने किया कार्य बहिष्कार

मजदूर विरोधी नीतियों पर 18 खदानों पर कोयला उत्पादन पर रहा प्रभावित
अनूपपुर भारत सरकार द्वारा कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश(एफडीआई) के विरोध सहित अन्य 12 मांगों को लेकर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में श्रमिक संगठन के आह्वान पर एक दिनी हड़ताल कर अनूपपुर जिले के 18 कोल खदानों पर व्यापक तो कहीं आंशिक असर दिखाया। चार श्रमिक संगठन एचएमएस, सीटू, एटक व इंटक द्वारा किए गए हड़ताल में लगभग कुछ खदानों के आंशिक उत्पादन को छोड़कर शेष खदानों पर सन्नाटा छाया रहा। एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के 8 कोल खदानों सहित हसदेव क्षेत्र की 10 खदानों के लगभग सभी खदानों से कोयला उत्पादन का कार्य बंद रहा। एकाध खदान पर मजदूर प्रथम पाली में कोयला खदानों में प्रवेश कर कार्य से जुडे। लेकिन दूसरी पाली में उन खदानों पर भी असर दिखा। सभी खदानों पर यूनियनों के समर्थकों ने मजदूरों को हड़ताल और भारत सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के साथ अन्य मांगों के सम्बंध में जानकारी देकर उनसे होने वाले नुकसान को बताया। जिसके बाद काम पर आए मजदूर बिना खदान प्रवेश किए वापस लौट गए। कॉलरी सूत्रों के अनुसार चार श्रमिक संगठनों के एक दिनी हड़ताल में जिले के समस्त कोयला खदानों में उत्पादन का मिला जुला असर होने से लगभग सरकार को 100 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह नुकसान पिछले वर्ष हुए हड़ताल के बराबर मानी जा रही है। कॉलरी सूत्रों का कहना है कि कॉलरी में ऐसे ही कर्मचारी कायर्रत है, जिनकी जरूरत खदानों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी है। इसके अलावा उत्पादन से सम्बंधित समस्त श्रमिक और कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। जिसके कारण आज श्रमिकों की लगभग 65 फीसदी से अधिक हड़ताल सफल साबित हुई। जानकारी के अनुसार एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत आनेवाली 9/10 बंद होने के कारण यहां उत्पादन बंद है, जबकि मीरा खदान, आमाडांड भूमि खदान, आमाडांड ओसीएम, जमुना 1/2, जमुना कॉलरी वर्कशॉप में इसका आंशिक असर दिखा। यहां सामान्य दिनों की भांति मजदूरों ने काम दिए। मजदूरों की संख्या कम रही, लेकिन उत्पादन कार्य जारी रहा। वहीं जमुना कोतमा 7/8 खदान, गोंविदा खदान में सुबह से कोई उत्पादन कार्य नहीं हुए। इसी तरह हसदेव क्षेत्र अंतर्गत आने वाली 10 खदानों में बिजुरी, बहेराबांध, कपिलधारा, कुरजा भूमिगत खदान, राजनगर आरओ, राजनगर ओसीएम, झिरिया खदान, बेस्ट जेकडी, तथा हल्दीबाड़ी खदानों में सुबह प्रथम पाली में बिजुरी कॉलरी में आंशिक उत्पादन हुआ। कॉलरी सूत्रों के अनुसार बिजुरी खदान की क्षमता 600 टन, बेहराबांध में 1600 टन, कपिलधारा 600 टन, कुरजा भूमिगत खदान 800 टन, राजनगर के दो खदानों में 1000 टन, झिरिया खदान 400 टन, बेस्ट जेकड़ी 400, हल्दीबाड़ी 1600 टन रोजाना है।  

कोयला उद्योग में शत प्रतिशत एफडीआई का फैसला वापस लेने, कोयला उद्योग को बेचकर 40 हजार करोड़ रूपए जमा करने का फैसला वापस लेने, कार्मिशयल माइनिंग का फैसला वापस लेने, दिव्यांग कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने, दुर्घटना में मारे गए नियमित या ठेकेदार श्रमिकों को 7 नम्वबर 2019 से मंत्री द्वारा घोषित 15 लाख रूपए का भुगतान, ठेका प्रथा समाप्त करने, ठेका मजदूरों को एचपीसी बेज भुगतान करने, मजदूरों की सीधी भर्ती आरम्भ करने, नई खदान खोलने व स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने, 33 वर्ष की सेवा या 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त करने की योजना को वापस करने की मांग रखी है।
चचाई के पत्रौपाधि अभियंता संघ के कार्य बहिष्कार

कोयला खदानों में हुई हड़ताल के साथ,अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के पत्रौपाधि अभियंता संघ ने भी अपनी मांगो को लेकर गेट में धरना प्रर्दशन कर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन कर कार्य का बहिष्कार किया। सीटू  के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के सदस्यों ने भी हड़ताल का समर्थन कर विरोध प्रदर्शन किया। 

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