प्रीलिटिगेशन के 469 मामलों में 37 का
निराकरण, 1 करोड़ 41 लाख से अधिक का हुआ अवार्ड
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित कोतमा व राजेन्द्रग्राम तहसील स्तरीय
न्यायालय में 8 फरवरी को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर डॉ. सुभाष कुमार जैन के मार्गदर्शन में किया
गया। जिला न्यायालय में न्यायाधीश डॉ. सुभाष कुमार जैन ने दीप प्रज्जवलित कर लोक
अदालत का शुभारंभ किया। इस दौरान जिले के तीनों न्यायालय के लिए कुल 13 खंडपीठों
का गठन कर दाण्डिक, शमनीय प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक
वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम
विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल
से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय अनूपपुर, तहसील
कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मे से 1377 प्रकरणों को लोक अदालत
में रेफर किया गया था, जिनमें कुल 187 प्रकरणों का निराकरण
सम्भव हो सका। जबकि प्रीलिटिगेशन के 469 प्रकरण
में से 37 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। आयोजित लोक
अदालत में कुल 1 करोड़ 41 लाख 96 हजार 588 राशि अवार्ड हुई। इस मौके पर न्यायाधीश
भू-भास्कर यादव,राजेश कुमार अग्रवाल, भूपेन्द्र नकवाल, स्वयं
प्रकाश दुबे,राकेश सनोडिय़ा, आरती रतौनिया, निधि चिटकारा,
रवि
साहू, भाविनी सिंह, रश्मि काकोटिया, जिला विधिक
सहायता अधिकारी जीतेन्द्र मोहन धुर्वे, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष दुर्गेश
पांडेय सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
पुत्र देगा प्रतिमाह माता पिता
को भरण पोषण की राशि
लोक अदालत में माता-पिता एवं
पुत्र के बीच चल रहा भरण-पोषण का प्रकरण में 80 वर्षीय पिता एवं 70 वर्षीय माता को
पुत्र द्वारा प्रतिमाह 2500 रूपए की राशि भरण पोषण के लिए दिलाया गया। मामले में
माता पिता ने पुत्र से भरण पोषण प्राप्त करने के लिए न्यायालय की शरण ली थी। जिसपर
न्यायालय ने 2500 रूपए प्रतिमाह भरण पोषण दिए जाने का निर्देश पारित किया था।
लेकिन पुत्र द्वारा किसी माह में राशि दी जा और
किसी माह में नहीं दिया जाता था।
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