कलेक्टर को दी गलत जानकारी,अनुमति
के बाद 1484 किसान हुए शामिल
अनूपपुर। छिलपा सोसायटी के 129 किसानों ने धान खरीदी बंद होने के 22
दिनों बाद 11 फरवरी को छिलपा गांव के लगभग आधा सैकड़ा किसानों ने
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर बेचे गए धान का टोकन (पावती)और भुगतान दिलाए जाने की
मांग कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर से की। किसानों ने कलेक्टर को बताया कि अंतिम तिथि
के दौरान खरीदी की गई थी, जिसमें इन किसानों का ना पोर्टल में
शामिल नहीं होने तथा पावती नहीं मिलने से नाराज किसानों का कहना था कि सोसायटी पर
जाने के बाद सोसायटी प्रबंधक आज-कल की बात कह टालमटोल कर रहा है। वहीं कुछ कर्मचारी
कर रहे है कि पावती असम्भव है। जिसे लेकर अब असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है कि
आखिर उसका भुगतान विभाग कैसे करेंगा। जिसपर कलेक्टर ने आश्वासन देले हुए कहा कि
इसे दिखवाता हूँ।
जिले में 2 दिसम्बर से
लेकर 20 जनवरी तक हुई धान खरीदी में अब 630 किसान अपने 31
हजार क्विंटल धान बेचने के बाद शासकीय पोर्टल से गायब हैं। धान खरीदी के उपरांत
लगभग 2114 किसानों ने शासन के बिना अनुमति सोसायटी पर धान बिक्री किया
था। लेकिन धान खरीदी के अंतिम दिन सर्वर की गड़बड़ी और अधिक किसानों के उपार्जन
केन्द्र पर पहुंचने के कारण विभाग द्वारा अधिक मात्रा में धान खरीदी नहीं किया जा
सका। उपार्जन की समय समाप्ति उपरांत हुई खरीदी में शासन से मांगी गई अनुमति में
पीएस द्वारा किसानों से संख्या पूछने पर कलेक्टर द्वारा विभाग से पूछे गए आंकड़े
में अधिकारी ने किसानों की वास्तविक संख्या की गलत जानकारी दे दी। जिसमें 2114
किसानों से हुई खरीदी में विभाग ने कलेक्टर को मात्र 1484 किसानों की
संख्या बता दिया। परिणाम यह हुआ कि शासकीय पोर्टल में खरीदी समाप्ति के उपरांत
मात्र 1484 अतिरिक्त किसानों के नाम दर्ज हो सके और शेष 630
किसान पोर्टल की सूची से वंचित रह गए। जिसके कारण 630 किसानों के
बेचे गए 31 हजार क्विंटल की लाखों रूपए विभाग के पास अटकी पड़ी है। इनमें
बरबसपुर के 150 से अधिक किसान, फुनगा के 150 से
अधिक किसान,छिलपा से 129 किसान सहित अन्य उपार्जन केन्द्रों के
किसान शामिल हैं। वहीं ऐसे किसानों की जानकारी न तो शासन को और ना ही जिला प्रशासन
को है। अब किसान विभाग से टोकन और उसके भुगतान के लिए सोसायटी व विभागीय कार्यालय
के चक्कर भी काट रहे हैं। बावजूद नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग चुप्पी साधे हुई है।
विदित हो कि जिले में धान उपार्जन के लिए कुल 22 उपार्जन
केन्द्र संचालित किए गए थे। जिसमें विभाग द्वारा 20 जनवरी तक 10647
पंजीकृत किसानो से लगभग 22 उपार्जन केन्द्रों पर कुल 7582
किसानों से कुल 3 लाख 75 हजार 487.73
किलोग्राम धान की खरीदी की थी। वहीं लगभग 2268 किसान धान
उपार्जन के अंतिम दिन धान बेचने सोसायटी पर बैठे रहे। विभाग ने सर्वर गड़बड़ी
बताते हुए ऐसे किसान जो 20 जनवरी तक उपार्जन परिसर में प्रवेश कर
चुके थे, उनके धान की खरीदी को प्राथमिकता देते हुए शेष किसानों से बाद
में खरीदी का आश्वासन दिया था। वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग ने किसानों की संख्या
अधिक बताते हुए तिथि बढ़ाने शासन को पत्र लिखा था। लेकिन शासन ने तिथि बढ़ाने की
अनुमति नहीं दी। इस दौरान जिले के 22 उपार्जन केन्द्र में से 12
उपार्जन केन्द्रों पर लगभग 906 किसानों की धान की तौलाई कराया जाना
शेष था, टोकन के अभाव में लगभग 1362 किसानों के
नाम पोर्टल पर दर्र्ज नहीं सका था। जबकि अंतिम तिथि 20 जनवरी को
विभाग द्वारा लगभग 8972.40 क्विंटल धान
की खरीदी की जा सकी। ।
विभाग ने छिपाया किसानों का
आंकड़ा
विभागीय सूत्रों के अनुसार जब
तिथि के बढ़ाने की असम्भावनाओं पर कलेक्टर ने पीएस खाद्य विभाग भोपाल से जब अनुमति
मांगी तो विभागीय अधिकारी ने वास्तविक किसानों की जगह कम किसानों की संख्या की
जानकारी दे दी। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारी से पूछा था कि जिले में कितने किसानों
से खरीदी हुई है, जवाब में अधिकारी ने 2114 की जगह 1484 किसानों
की जानकारी बता दी। कलेक्टर के बताए संख्या के आधार पर पीएस खाद्य विभाग ने उतनी
ही संख्या के किसानों से धान खरीदी की अनुमति प्रदान की। लेकिन इस मामले में 630
किसान खरीदी उपरांत वंचित रह गए।
विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे
किसान
इनका कहना है
जानकारी मिली है। आज कुछ किसान
शिकायत लेकर आए थे,विभाग से जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रमोहन ठाकुर,कलेक्टर
अनूपपुर।
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