नर्मदा उद्गम में श्रद्धालुओं ने
लगाई अस्था की डुबकी, जगह-जगह लगे मेले
अनूपपुर/अमरकंटक। फाल्गुन कृष्ण पक्ष
त्रयोदशी के मौके पर 21 फरवरी को जिलेभर में हर्षोउल्लास के
साथ महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया। शिवालयों में सुबह से ही भक्तों ने भगवान शिव-पार्वती
की विशेष पूजा अर्चना कर प्रसाद के भोग लगाए। इस मौके पर कुछ स्थानों पर विशेष
भंडारे के साथ मेले का भी आयोजन किया गया। जबकि अमरकंटक के मां नर्मदा उद्गम कुंड (सरोबर)में
हजारों शिवभक्तों ने डुबकी लगाकर 'हर हर महादेव की
जयघोष से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया। महाशिवरात्रि के अवसर पर अमरकंटक में
दोपहर बाद पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने जनपद पंचायत उपाध्यक्ष
संतोष पांडेय, नपा अध्यक्ष व पार्षद, एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डहेडिया,
सीएमओ
पवन साहू, सहित अमरकंटक नगरपरिषद के अन्य स्टाफ व नगर के गणमान्य नागरिक
उपस्थित में 5 दिवसीय अमरकंटक मेले का उद्घाटन किया।
इस मौके पर विधायक तथा
जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया
और सुरक्षा व्यवस्थाओं सहित पार्किंग व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए रखने के निर्देश
दिए। बताया जाता है कि अमरकंटक में प्रशासन द्वारा भीड़ एवं भगदड़ से बचाने के लिए
हेलीपैड ग्राउंड(सर्किट हाउस के पीछे) मेले का आयोजन कराया गया है। इससे पूर्व
महाशिवरात्रि मेले का आयोजन नवोदय विद्यालय परिसर के पास मैदान में कराया जाता था।
वहीं पुलिस ने व्यवस्थाओं में सीसीटीवी कैमरे के साथ वॉच टॉवर का भी सहारा लिया
गया है। महिलाओं के साथ आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा 250 पुलिस जवानों के साथ महिला दस्ते को भी तैनात किया है। औपचारिक रूप में 21 फरवरी
से आरम्भ हुआ मेले में हजारों की संख्या में अमरकंटक पहुंचे। वेदों के अनुसार
महाशिवरात्रि के मौके पर शिव की पूजा-अर्चना करने से मानव को मोक्ष की प्राप्ती
होती है।
मान्यता यह भी है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। जबकि अन्य
मान्यताओं में इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इस मौके पर
नर्मदा सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर माता नर्मदा एवं शिव
को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि के साथ अपने परिजनों की मनोकामना पूरी होने का वर
मांगा। बताया जाता है कि अमरकंटक में महाशिवरात्रि के मौके पर लगभग 30 हजार
से अधिक शिवभक्तों ने मां नर्मदा उद्गम कुंड में स्नानकर पूजा अर्चना की। इसके
अलावा महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के शंकर मंदिर, रामजानकी
मंदिर, तिपानी नदी स्थित शंकर मंदिर, बुढी माई
मढिया मंदिर, ठाकुरबाबा धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही भक्तों
की कतार लगी रही।
भालूमाड़ा के अघोरी बाबा,
हनुमान
मंदिर, राम-जानकी मंदिर, अमन चौक, लाइन दफाई
सहित अनेक मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना
किए। कुछ स्थानों पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। जबकि ऐतिहासिक पाडंवकालीन
नागवंशी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध केवई नदी
तट स्थित शिवलहरा मंदिर धाम में दो दिवसीय मेला प्रारंभ हुआ, जहां
सुबह से ही लोग केवई नदी में स्नान कर शिव को जल चढ़ाएं। यहां भारी संख्या में
श्रद्धालुओं की भीड़ रही। दूरदराज से मेला में आने वाले लोगों ने भी दर्शन कर पूजा-अर्चना
किए। मेले में सुरक्षा के लिए भालूमाड़ा पुलिस के साथ आसपास के थानों का बल व जिला
प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा कोतमा नगर में भी महाशिवरात्रि पर्व की
धूम रही। श्रद्वालुओं द्वारा भोले नाथ के मंदिरों में पहुंच बेल, फूल,
धतूरा,
बेर,
मदार
के फूल लेकर अर्पण कराया गया। इस दौरान जगह-जगह शिवजी का रुद्राभिषेक का आयोजन भी
होता रहा। नगर के श्री गौरीशंकर मंदिर, बस स्टैंड परिसर, धर्मशाला
मंदिर, विकास नगर, लहसुई कैम्प सहित ग्रामीण क्षेत्रों में
भी भगवान भोले नाथ के जयकारो की गूंज बनी रही। इसी तरह जैतहरी के वार्ड 3 में
स्थापित सिद्धबाबा डोंगरिया में भव्य मेला का आयोजन किया गया।
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