अनूपपुर। किसी भी राष्ट्र निर्माण उसके नागरिक ही करते हैं। राष्ट्र के विकास के
लिए प्रयत्नशील नहीं है, तो राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता।
राष्ट्र को नित-नूतन शिखर पर लेकर जाने का उत्तरदायित्व उसके नागरिकों का है।
भारतवर्ष की सम्प्रभुता, भारत के नागरिकों में निहित है। भारत एक
बहु-धर्मीय एवं बहु-भाषीय राष्ट्र है, अनेकता में एकता भारतीय सभ्यता
का अनुपम सौंदर्य है,प्रत्येक भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह जाति,संप्रदाय
व वर्ण से निरपेक्ष होकर सार्वजनिक सामंजस्य एवं भ्रातृत्व-भाव की उत्तरोत्तर
वृद्घि करे। उक्त आशय का विचार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुक्रवार को
शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अनूपपुर में विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन के
दौरान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर डॉ.सुभाष
कुमार जैन ने कहीं।
उन्होने कहा समय की आवश्यकता है
बंधुता के भाव को सुदृढ़ करा जाए व इसे क्षीण होने से बचाया जाये। भारतीय होने के
नाते, हम सब को मिल कर एकात्मक प्रयत्न करना चाहिए,जिससे
भारत एक सुदृढ़ एवं समृद्घ राष्ट्र बने। संविधान ने हम सबको यह जिम्मेदारी भी
सौंपी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि नारी की गरिमा के विरूद्घ सभी कुप्रथाओं का
खण्डन हो।
इस दौरान सचिव जिला विधिक सेवा
प्राधिकरण भू-भास्कर यादव ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं एवं
मॉबलिंचिंग के संबंध में अवगत कराया। शिविर में प्रषिक्षु न्यायाधीश भावनी सिंह,रवि
साहू, जिला विधिक सहायता अधिकारी जीतेन्द्र मोहन धुर्वे एवं संस्थान
का स्टाफ उपस्थित रहा।
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