अनूपपुर।
जिले में पिछले चार दिनों से बदले मौसम के मिजाज और लगातार हो रही बारिश और
ओलावृष्टि में प्रारम्भिक रिपोर्ट में 58 गांवों की फसलों को नुकसान होने के अनुमान लगाए गए हैं। जिनमें फसलों के
नुकसान के अनुमान 10-20 फीसदी बताया गया है। यह प्रारम्भिक रिपोर्ट
आरआई और पटवारी द्वारा असमायिक वर्षा और ओला से हुई फसल हानि की जानकारी के रूप
में ग्रामीणों से आई सूचना के आधार पर दी गई है। जबकि वास्तविक सर्वेक्षण के बाद
गांवों की संख्या के साथ साथ फसलों के नुकसान की स्थिति में भी बढ़ोत्तरी की आशंका
व्यक्त की गई है। 22 फरवरी को ही
जैतहरी विकासखंड के लगभग दर्जनभर गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हुआ था, वहीं 23 फरवरी अनूपपुर, जैतहरी विकासखंड के दर्जनों गांव में आंवला आकार की
ओलावृष्टि ने कहर बरपाया था। इसी तरह 25 फरवरी को बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि में अनेक ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित
हुए थे। अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारी एसएस मिश्रा ने बताया कि लगातार बारिश और मौसम
खराबी के कारण सुदूर ग्रामीण अंचलों से ओलावृष्टि और फसल नुकसान की जानकारी नहीं आ
सकी है।
जो प्रारिम्भक जानकारी आई है उनमें कम नुकसान के अनुमान लगाए गए हैं।
लेकिन मौसम साफ होने पर जैसे जैसे सर्वेक्षण का कार्य होगा और फसलों के नुकसान की
जांच की जाएगी तो यह आंकड़ा बढ़ता चला जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने जिले के
चारों विकासखंड राजस्व अधिकारियों को अपने अमले के साथ सर्वेक्षण कराकर नुकसान की
रिपोर्ट मांगी है। जिसमें प्रभावित गांवों की संख्या, प्रभावित क्षेत्रफल, प्रभावित किसान, अनुमानित नुकसान सहित अन्य जानकारी शामिल है। वर्तमान
में प्राप्त रिपोर्ट में जिले के अनूपपुर तहसील के 10 गांव जहां 10-15 फीसदी तक फसलों को
नुकसान के अनुमान बताए गए हैं। वहीं कोतमा में बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान की
कोई जानकारी सामने नहीं आई है। जबकि जैतहरी में सर्वाधिक 45 गांव के प्रभावित होने तथा 15-20
फीसदी तक फसलों के नुकसान के अनुमान है। इसी तरह पुष्पराजगढ़ के 3 गांव प्रभावित माने गए हैं, लेकिन यहां नुकसान की जानकारी नही आई है। इस
प्रकार जिले के 58 गांवों की
फसलें बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित होना माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि
पिछले चार दिनों लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि में जहां किसानों की मेहनत में
बोई फसलों को नुकसान पहुंचा है, वहीं
अधिकारियों ने खेतों की मेढ़ तक पहुंचकर उसका सर्वेक्षण करना अबतक मुनासिब नहीं
समझा। किसानों के समक्ष अब शासन और प्रशासन से मुआवजा ही सहायता के रूप में एक
मात्र विकल्प है। ऐसी स्थिति में भले ही कोई
साथ ने दें, लेकिन
प्रशासन उनकी मदद जरूर करेगा। उपंसचालक कृषि एनडी गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष
गेहूं की निर्धारित लक्ष्य से 10
हजार हेक्टेयर अधिक बुवाई हुआ है।
लक्ष्य 22 हजार हेक्टेयर रकबा था। लेकिन पानी के कारण 32 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बुवाई हुई है।
इसके अलावा चना 10 हजार हेक्टेयर,
मटर 2 हजार हेक्टेयर, मसूर 15
हजार हेक्टेयर, अन्य दलहनी फसल 220 हेक्टेयर कुल दहलन 27.22 हजार हेक्टेयर, सरसों ८ हजार हेक्टेयर, अलसी 6
हजार हेक्टेयर कुल तिलहन 5.35
हजार हेक्टेयर, तथा गन्ना 10 हेक्टेयर पर फसल बुवाई की गई है। उपसंचालक ने
बताया कि इस बारिश और ओलावृष्टि से फूल लगी फसलों चना, मसूर, गेहूं,
मुनगा, अरहर, मटर,
टमाटर, अलसी, बटरी,
गोभी, धनिया, बैगन,
महुआ सहित अन्य फसलों को नुकसान होने के
अनुमान है।
जिले में 5.7 मिलीमीटर औसत वर्षा
अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 5.7
मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। अनूपपुर में 4.1, कोतमा में 23.2, जैतहरी में 2.० अमरकंटक में 2.० बिजुरी में 7.8,
वेंकटनगर में 5.० तथा बेनीबारी में 1.०
मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। इस प्रकार 1 जून से 25 फरवरी तक
जिले में कुल 1367.2 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जो अबतक की सबसे अधिक वर्षा रिकार्ड है।
आकाशीय बिजली से किशोर की मौत
बारिश और ओलावृष्टि के दौरान पुष्पराजगढ़ विकासखंड के ग्राम खरसोल में २३
फरवरी की शाम आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 16 वर्षीय किशोर बबलू बैगा पिता फुलसहा बैगा की मौत हो
गई। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने पंचनामा तैयार
कर पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया।
उपसंचालक कृषि एनडी गुप्ता ने बताया कि अभी प्रारिम्भ सूचना रिपोर्ट है।
जैसे जैसे सर्वेक्षण कर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी, वैसे वैसे नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जाएगा। पूरी
जानकारी के बाद ही सही नुकसान की जानकारी सामने आ पाएगी।
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