अनूपपुर।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक में डॉ.बी.आर.अंबेडकर के
१२७ वीं जयंती समारोह का शनिवार को समारोहपूर्वक समापन हो गया। इस अवसर पर आयोजित
कार्यक्रम में वक्ताओं ने शिक्षा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाकर
समरसता का भाव पैदा करने पर जोर दिया। सामाजिक न्याय दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को
संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बसवराज पी. डोनूर ने कहा
कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर दोनों समाज के लिए आर्दश हैं। डॉ.
अंबेडकर ने सभी को समान अधिकार और सम्मान देने का सपना देखा था। शांति, अहिंसा और सभी के
प्रति प्यार के भाव ने उन्हें बौद्घ धर्म की तरफ आकर्षित किया। उन्होंने शिक्षा के
माध्यम से सभी में मानवता और करूणा की भावना उत्पन्न करने को कहा जिससे समाज में
समरसता हो।
प्रो.
रविंद्रनाथ मनुकोंडा ने डॉ. अंबेडकर द्वारा शिक्षा के माध्यम से महिलाओं, बच्चों और पिछ$डे वर्गों के उत्थान
की परिकल्पना के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। डॉ. अंबेडकर पीठ के
चेयरमैन प्रो. किशोर गायकवाड़ ने डॉ. अंबेडकर की सामाजिक न्याय को लेकर उठाए गए
कदमों के बारे में बताया। उनका कहना था कि १८८० से १९४७ तक के बीच शोषित और
शासकोंं के बीच जिस प्रकार संघर्ष हुआ उससे उद्वेलित होकर ही डॉ. अंबेडकर ने
सामाजिक न्याय के लिए अपनी परिकल्पना को समाज के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने
स्वतंत्रता को मैत्री, बंधुत्व
और करूणा भाव के साथ जो$डकर
सभी के विकास को अपना लक्ष्य बनाया। डॉ. अंबेडकर पीठ के तत्वावधान में जयंती
समारोह के अंतर्गत ११ दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें विभिन्न
प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुई। इन प्रतियोगिताओं में भाषण में स्वर्णिमा सिंह बघेल
(अंग्रेजी), रितेश
कुमार बाजपेयी (हिंदी) में प्रथम, क्विज
में रमेश पुष्म और पूर्वी मिश्रा प्रथम और निबंध प्रतियोगिता में अमन गुप्ता प्रथम
स्थान पर रहे।
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