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शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

साधु संतों की उपस्थित में दुनिया का सबसे बड़ा श्रीयंत्र कांगड़ा अल्मोड़ा में स्थापित

अमरकंटक। कल्याण आश्रम अमरकंटक के तपस्वी बाबा कल्याणदासजी के द्वारा कल्याणिका हिमालय देवास्थानम न्यास डोल कांगड़ा अल्मोड़ा उत्तराखंड में दुनिया की सबसे बड़ी अष्टधातु से निर्मित १६७० किलोग्राम वजनी श्रीयंत्र जगजननी पराम्बां मां राजराजेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा तथा श्रीपीठ ध्यान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा एवं लोकार्पण अक्षयतृतीया से बुद्ध पूर्णिमा पर्यन्त सम्पन्न कराया जा रहा है। जहां बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। जिसमें भारत वर्ष के साधु संतों व भक्तजनों का जमावड़ा लगा हुआ है। वहीं स्थापना कार्यक्रम में रसगंगा के भाव में प्रवक्ता मुरारी बापूजी द्वारा मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा का वाचन किया जा रहा है। संत महापुरूषों का महासम्मेलन भी होना बताया गया है। बताया जाता है कि यह आश्रम हिमालय के जंगलों के बीच में सुरम्य वातावरण में स्थित है। कल्याण आश्रम के प्रबंधन्यासी हिमाद्री मुनिजी ने बताया कि पराम्बा मां नर्मदा की करूणा कृपा और वीतराग त्यागी परम् तपस्वी पूज्य सद्गुरू देव बाबा कल्याणदास के सत्प्रेरणा तथा संरक्षण में कार्य सम्पन्न हो रहा है। यह श्रीयंत्र तीन वर्ष पूर्व निर्माण के लिए कुम्भाकोडम (तमिलनाडु) में कहा गया था। श्रीयंत्र को विशेष वाहन द्वारा पंडितों के साथ पूजन करते हुए अमरकंटक मां नर्मदा उद्गम में लाया गया। जहां विशेष रूप से नर्मदा जल से स्नान व विधि विधान पूजन के उपरांत डोल ले जाया गया तथा मूर्धन्न दर्जनों पंडितों द्वारा स्थापित कराया जा रहा है। इस मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल के.के.पाउल ने भी दुनिया के सबसे बड़े श्रीयंत्र की स्थापना कार्यक्रम में शामिल हुए। 

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