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सोमवार, 30 अप्रैल 2018

जल संरक्षण एवं संवर्धन पर जल संसद मे बनाई गयी कार्ययोजना

अनूपपुर। जल प्रकृति द्वारा नि:शुल्क प्रदान किया गया है। परंतु इसकी मात्रा सीमित है। गैर जिम्मेदाराना ढंग से इस्तेमाल करने से न केवल जल की उपलब्धता कम हुई है वरन जल मे प्रदूषण के कारण जल की स्वच्छता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडा है। जल के इस वि.त उपयोग से प्रा.तिक स्त्रोतों की जल प्रदाय की क्षमता मे भारी कमी आई है। इसके साथ ही पर्यावरणीय संतुलन बिग$डने से भी जल के प्रमुख स्त्रोत वर्षा की विश्वसनीयता मे परिवर्तन आने के फलस्वरूप अब यह आवश्यक हो गया है कि जल का उचित प्रबंधन किया जाए। उक्त समस्याओं के प्रति समाज के ध्यानाकर्षण एवं भविष्योनुमुखी रणनीति बनाने हेतु आज सम्पूर्ण प्रदेश मे जल संसद का आयोजन किया गया।
जल के संरक्षण की सर्वाधिक जिम्मेदारी मानव
जल संसद मे अपर कलेक्टर डॉ आर.पी.तिवारी ने कहा कि जल के उचित प्रबंधन के बिना भविष्य मे जल की उपलब्धता की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल सभी प्राणियों के जीवन का आवश्यक अंग है। परंतु इसका उपयोग सर्वाधिक मानव जाति द्वारा किया जाता है। अतएव इसके संरक्षण एवं संवर्धन की सर्वाधिक जिम्मेदारी भी हमारी बनती है। इसी जिम्मेदारी की अनुभूति कराने एवं जन सहयोग से इस प्रा.तिक संसाधन की सुरक्षा, उचित प्रयोग,बेहतर प्रबंधन एवं संवर्धन के कार्य को निष्पादित कराने हेतु जन अभियान परिषद अनवरत रूप से लगी हुई है। इस कार्य को वास्तविकता मे सफल बनाने हेतु सम्पूर्ण समुदाय का सहयोग अवश्यक है। आज समय है हम सभी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर विकास की इस प्रक्रिया को सतत एवं संवहनीय बनाए।
जरुरत से ज्यादा पानी का उपयोग करने से अपव्यय होता है- मनोज द्विवेदी

जिला स्तरीय जल सनसद मे उपस्थित जनो द्वारा नदी जल के बेहतर प्रबंधन, संवर्धन एवं संरक्षण हेतु योजना निर्माण एवं उनके क्रियान्वयन के लिए  सुझाव दिये गए। भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने कहा कि नदी संरक्षण के साथ तालाब संरक्षण भी जरुरी है।  बेवजह जरुरत से ज्यादा पानी का उपयोग करने से न केवल पानी  का अपव्यय होता है वरन मृदा की उर्वरा शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है। अतिक्रमण की वजह से तालाब व नदी का कैचमेन्ट एरिया सिकुडा है। अतिक्रमण रोकने की जरुरत है। आपने कहा आज जल स्तर ब$ढाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिंस्टम पर कार्य करने की जरुरत है। नदियों को बचाने के लिये अंधाधुंध रेत उत्खनन रोकने व पौधे लगाने की जरुरत है, आपने कहा जन अभियान परिषद जल अभियान परिषद बन कर सराहनीय कार्य कर रहा है। जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पांडे ने बताया कि जिले मे चारों विकासखंडों मे जनता को जल के महत्व के प्रति पुन:जागरण, सुझाओ एवं भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आज जल संसद का आयोजन किया गया है। जल संसदों मे अनूपपुर विकासखंड में बांकी नदी, जैतहरी विकासखंड में हँसिया नदी, पुष्पराजग$ढ विकासखंड में देवराज कोतमा विकासखंड में कनई नदी के पुनर्जीवन एवं जल संरक्षण के लिए कार्ययोजना एवं आगामी मई एवं जून माह मे उसके क्रियान्वयन पर चर्चा की गयी। इसके साथ वीरेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखे।

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