
बीते पखवाडे भर
से कोयलांचल में आईपीएल खेलने वालों की लाईन लंबी होती जा रही है। इस खेल में खादी
व खाकी का संरक्षण सटोरियों को मिलता नजर आ रहा है। सटोरियों के द्वारा भी खेल को
नये तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। वह तकनीक का भी पूरा इस्तेमाल करते नजर आ रहे
हैं। सटोरियों के द्वारा खिलाडियों से एडवांस के रूप में एक निश्चित रकम जमा कराई
जाती है, जिसके बाद उन्हें एक नंबर दे दिया जाता
है ताकि आगे का खेल नाम से न होकर नंबर के रूप में संचालित किया जा सके। सारा
हिसाब-किताब मैच के समाप्त होने के एक घंटे के भीतर ही सटोरियों के द्वारा घर
पहुंच सेवा के रूप में निपटा दिया जाता है। रात के अंधेरे में हिसाब-किताब करते
हुये अगले दिन की फिर तैयारी प्रारंभ कर दी जाती है। हद तो तब हो जाती है जब रात
के राजकुमार को सारी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
कप्तान के आदेश
पर खानापूर्ती
कोयलांचल को धन
की नगरी भी कहा जाता है, वहीं कोतमा जिले की
आर्थिक मजबूती के लिये भी जाना जाता है। ऐसे में माफियाओं का आर्थिक लाभ कैसे बढे
यह माफियाओं के द्वारा सुनिश्चित करने के लिये तमाम तरह के खेलों को अंजाम दिया
जाता है। पुरानी कहावत है कि पुलिस की जानकारी के बिना कोई अपराध मुमकिन नहीं, ऐसे में कोतमा में आईपीएल में लाखों का जुआं कैसे संचालित हो रहा है। क्या
पुलिस का सूचना संकलन तंत्र कमजोर हो गया है या पुलिस इस मामले में कोई सूचना
संकलित करना ही नही चाहती। यदि पुलिस चाह ले तो माफिया उनके पहुंच से बहुत दूर
नहीं है। आईपीएल महोत्सव में पुलिस की खामोशी जनता के बीच चर्चा का बिषय बनी हुई
है। ऐसा भी नही है कि पुलिस कुछ नही किया कप्तान के आदेश से एक पर कार्यवाही कर
अपनी पीठ थपथपा रहे है।
वार्ड नंबर ८
मुख्य बाजार
यूं तो
कोयलांचल क्षेत्र कोतमा में सटटे का कारोबार निरंतर चलता आ रहा है, और पुलिस के द्वारा छोटीमोटी कार्यवाही कर अपने कत्र्तव्यों से इतिश्री भी कर
ली जाती है। आईपीएल चालू होने के साथ ही कोतमा का वार्ड नंबर ८ लोगों के बीच चर्चा
का बिषय बना हुआ है। आखिर आईपीएल और वार्ड नंबर ८ का आपस में क्या संबंध है। यह
जनता के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है आखिर वार्ड नंबर ८ के वे कौन लोग हैं जो इस
खेल को अंजाम दे रहे हैं।
हर जुबान पर
दुकानदार का नाम
जिस बात की
जानकारी पूरे कोयलांचल क्षेत्र को है उस बात की जानकारी आखिर पुलिस को कैसे नहीं
है। आईपीएल चालू होने के साथ ही कुछ नाम लोगों की जुबान पर छाये हुये हैं। जिनमें
हेम व जोश सहित एक नाम सफेदपोश का जिसका प्रमुखता से चाय व पान की गुमटियों पर
लोगों के बीच चर्चा का बिषय बने हुये हैं। आखिर यह रात के अंधेरे में कहां गुम हो
जाते है। जहां राजकुमार की पहुंच भी संभव नहीं है। आखिर वह कौन सी ऐसी जगह है जहां
पर बैठकर पूरे महोत्सव को अंजाम दिया जा रहा है।
तकनीक दिखा रही
कमाल
जैसे-जैसे देश
हाईटेक हो रहा है वैसे-वैसे माफियाओं ने भी खुद को अपडेट किया है। कोतमा के आईपीएल
के संचालकों ने खुद को अपडेट करते हुये अब सेशन के रूप में अपने खिलाडियों को नंबर
आवंटित करते हुये सारा खेल मोबाइल के जरिये ऑपरेट करते नजर आ रहे हैं। यदि पुलिस
थो$डा सा सजग होकर माफियाओं के नंबर ट्रेस
करे तो आईपीएल का सारा काला चिट्ठा सामने होगा। जिनमें खेलने व खिलाने वाले दोनों
के नाम सामने होंगे। यदि पुलिस चाहे तो कोयलंाचल से इस हाईटेक हुये व्यापार पर
लगाम लगाई जा सकती है।
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