रोकने में असफल
रहा सरकारी अमला
बाल विवाह की 17 शिकायते, एक में विवाह
अनूपपुर। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए
महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में अभियान चलाकर लोगो को
बाल विवाह रोकने समाज में जागरूकता, शिक्षा का प्रसार, नुक्कड नाटक के आयोजन
के माध्यम से प्रयास किए जा रहे है। लेकिन जिले में अप्रैल माह 2017 में हुई 17 बाल विवाह की शिकायतो
में एक बाल विवाह 20 अप्रैल को संपन्न हुआ। जनचर्चा के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित वार्ड क्रमांक 10 में 15 वर्षीय नाबालिग वधु
की शादी वंशकार समाज द्वारा संपन्न करा दी गई। जिससे जिले में भर में आई लगभग 17 बाल विवाह रोकने
महिला सशक्तिरण द्वारा किए गए प्रयास में पानी फिर गया।
लगातार समझाईश
के बाद भी बाल विवाह संपन्न
जिला मुख्यालय
में नगर के वार्ड क्रमांक 10 में वंशकार समाज के एक परिवार में १५ वर्षीय नाबालिग बेटी का विवाह की सूचना
पर महिला सशक्तिकरण अधिकारी मंजूषा शर्मा द्वारा लगातार परिजनो को विवाह न करने की
नाबालिग वधु के परिजनो को दी, जिस पर 19 अप्रैल को नाबालिग
परिवार द्वारा विवाह न रोकने पर परिजनो के पास पहुंचे जहां पर नाबालिग के पिता ने
लिखित पर विवाह न करने की बात कहते हुए सिर्फ सगाई कराने की बात कही और चुपचाप 20 अप्रैल को भाजपा के
वरिष्ठ नेता के संरक्षण में संपन्न करा दिया।
बाल विवाह का
जिले में यह रहे आकडे

मिला राजनीति
संरक्षण
जिले मे बाल
विवाह की शिकायत पर महिला सशक्तिरण विभाग व आंगनबाडी कार्यकर्ताओ द्वारा परिजनो को
समझाईश तो दी जाती है। वहीं २० अप्रैल को जिला मुख्यालय में भाजपा नेताओ के
संरक्षण में जहां एक बाल विवाह करने का आरोप है। रात के समय पर सूचना महिला
शक्तिकरण अधिकारी को दी गई, वहीं मौके पर पहुंची
पुलिस ने पूरी तैयारियो के बीच शादी को रोकने परिजनो को समझाईश तो दी गई लेकिन
उनके जाते ही परिजनो द्वारा नाबालिग का विवाह संपन्न करा दिया। इसके पूर्व भी 26 अप्रैल 2015 को विधायक अनूपपुर
द्वारा नगर के वार्ड क्रमांक 6 में भी बाल विवाह संपन्न कराने पर संरक्षण दिया गया था।
अंकसूची पर
दर्ज जन्मतिथि का कोई असर नही
जिले में 20 अप्रैल को संपन्न हो
चुके बाल विवाह किए जाने की सूचना और बालिका की अंकसूची पर अंकित जन्मतिथि में
नाबालिग होने के बाद भी जिला चिकित्सालय के डॉक्टरो द्वारा नाबालिग को बालिक होने
का प्रमाण पत्र दे दिया गया। इसके पूर्व भी वर्ष 2015 में भी डॉक्टरो द्वारा भी वर को नाबालिग होने पर बालिक होने का प्रमाण पत्र
दिया गया। दोनो ही मामलो में अंकसूची पर अंकित जन्मतिथि को दर किनार किया गया है।
वहीं दोनो बाल विवाह भाजपा नेताओ के संरक्षण होने की बात भी उठी थी, जो स्वयं ही समाज को जागरूक
करने की बजाय बाल विवाह कराने संरक्षण देकर अपना वोट बैंक हासिल करने में लगे हुए है।
टीम ने नही
समन्वय
जिले में
संचालित चारो परियोजना कार्यालयो के अधिकारी कर्मचारियो के अपने कार्य प्रति रूचि
नही दिखाने तथा जिले में पूर्व में हो चुके बाल विवाह पर अब तक कार्यवाही नही होने
के कारण ग्रामीण क्षेत्रो में इस योजना पर तथा विभाग एवं एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे
अभियान में कोई असर नही पड़ रहा है, एक ओर विभाग बाल विवाह को अपराध माना है और इसके लिए बाल विवाह प्रतिषेध
अधिनियम 2006 की धारा 9 के प्रवधानो के तहत कठोर कारावास
या 1 लाख रूपए जुर्माने की
बात कही गई है। लेकिन धारा 10 के प्रवधानो के अनुसार बाल विवाह को संपन्न, संचालित या निदिष्टि या फिर कुष्प्रेरित करने तथा धारा 11 के प्रवधानो के तहत
बाल विवाह करने पर माता पिता अथवा संरक्षक या किसी अन्य व्यक्ति विवाह का समर्थन
दंडनीय माना है, लेकिन इस ओर अब तक जिला प्रशासन व पुलिस
प्रशासन द्वारा कोई कदम नही उठाया।
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