
ग्रीष्मकाल के
दौरान बनने वाली जलसंकट की समस्याओं को दूर करने शासन प्रशासन के द्वारा माहभर
पूर्व से दिए जा रहे आदेश के बाद भी जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत पडौर के
वार्ड क्रमांक ८-९ के लगभग ४०० बैगा सहित आदिवासी परिवार पानी के लिए तरस रहे हैं।
गांव की हैंडपम्प चार माह पूर्व फेल हो गई। चालू हालत की एक हैंडपम्प से पर्याप्त
पानी की धार नहीं फूट रही है। जिसके कारण गांव के ७५ बैगा परिवार सहित ८०-८५
आदिवासी परिवार पानी के लिए १ किलोमीटर दूर से सामूहिक पैदल यात्रा कर नाला से
पानी भर कर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

सीएम हेल्पलाइन
में शिकायत का असर नही
ग्रामीणों के
अनुसार इन दोनों वार्डो के अलावा सबसे ज्यादा समस्या वार्ड क्रमांक 5 एवं 6 सहित वार्ड क्रमंाक ८ और ०९ भी जलसकंट
से अछूता नहीं है। जहां पर हैंडपंप के अलावा कोई विकल्प नहीं है। गांव में एक भी
कुंआ जीवित हालत में नहीं है। पूर्व में एक-दो कुंआ थे वह भी सूख चुके हैं। वार्ड
क्रमांक 9 के पंच पति कमलेश ने बताया कि 4 अप्रैल को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन आजतक कोई सुनवाई नहीं
हुई। वहीं वार्ड क्रमांक 8 के पंच समय लाल बैगा
ने बताया कि पानी के लिए पंचायत एवं जनपद में कई बार बोले, लेकिन हमारी कोई सुनता ही नहीं हम बैगा जो ठहरे। पडौर सरपंच उमाकांत उइके ने
बताया कि गांव में हैंडपंप खराब की सूचना जनपद में एवं सीएम हेल्पलाइन में दिया
गया था। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
बैगा परियोजना
में करोड़ा का बजट आवंटन
यह आश्चर्य की
बात है कि जिले में बैगा विकास परियोजना के तहत करोड़ा का बजट आवंटन होता है। साथ
ही अब शासन ने रेत खदानों से आने वाले रायल्टी से भी विकास की बात कही है। जबकि
माहभर पूर्व से शासन व प्रशासन द्वारा जल सकंट की समस्याओं के निराकरण के आदेश दिए
थे। बावजूद पीएचई विभाग ने अबतक सुधार कराने में कोताही बरती।
इनका कहना है
हैंडपंप खराब
है तो पीएचई से बात कर सुधार करवाता हूं।
के.पी.राजौरिया, सीईओ जनपद पंचायत अनूपपुर।
हैंडपंप सुधार
करा दिया जाएगा। रही बात नलजल की तो समर्सिबल पंप चलता था, गांव के लोग चलाते ही नहीं इसलिए बंद हो गया है उसका भी सुधार कराया जाएगा।
एचएस धुर्वे, कार्यपालनयंत्री पीएचई अनूपपुर।
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