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गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

विपक्ष सदन को बंधन बना कर रखना चाहता है-अजय प्रताप सिंह

लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ अभियान की शुरूआत

अनूपपुर हाल के दिनों में भारतीय संसद में सत्र के दौरान अपनी बातों को मनाने में सत्ता और विपक्ष पार्टियों के बीच बने गतिरोध और बिना किसी कार्य के समाप्त हुए संसदीय सत्र से नाराज भाजपा अब कांग्रेस की कार्यशैलियों को उजागर करने की नियत से 12 अप्रैल से देश व्यापी 'लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ अभियान का शुरूआत की। जिसमें राज्यसभा सांसद व भाजपा प्रदेश महामंत्री अजय प्रताप सिंह ने अनूपपुर जिला मुख्यालय में विधायक रामलाल रौतेल के आवास पर प्रेसवार्ता आयोजित की। उन्होंने बताया कि अनूपपुर में धारा 144 लगे होने के कारण यहां भाजपा कार्यकर्ताओं व सांसद द्वारा धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। जबकि अन्य जिले में भाजपा के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पाॢटयों द्वारा अपनाए जा रहे हथकंडों को आम लोगों को जानकारी देते हुए बताएंगे कि संसद क्यों नहीं चल रही है? प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने मीडिया से अपनी नियुक्ति उपरांत संसदीय सत्र के तीन दिनों का तकलीफ को भी सांझा किया। जिसमें उन्होंंने नाराजगी जताते हुए बताया कि कांग्रेस से संसद को बंधक बना रखा है। जहां कांग्रेस की आड़ में अन्य विपक्षी राजनीतिक पार्टियां अपना वर्चस्व स्थापित करने कांग्रेस के साथ सही गलत का बिना अनुशरण किए सदन पटल स्थल तक पहुंच जाते हैं, जहां अमर्यादित आचरणों में शोर-गुल करते हुए संसद को हाईजैक करते हैं। जबकि संसद में उपस्थित कुछ वरिष्ठ सांसदों के आचरण नवनियुक्त सांसदों के लिए प्रेरणादायक नहीं है। वरिष्ठ सांसद नवनियुक्त बिना विभाग आवंटन के सांसदों के अधिकारों को भी कटघरों में रख उनके विशेषाधिकार के हनन करने का प्रयास करते हैं। इस मौके पर सांसद ने कवेरी जल बंटवारा विवाद का जिक्र करते हुए वरिष्ठ सांसदों की कार्यशैली को प्रस्तुत किया। वहीं अजय प्रताप सिंह ने कहा अगर भारतीय लोकतंत्र में संासदों की यही वैचारिक स्थिति रही तो यह स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए घातक होगा। बार बार संसद का सदन स्थगित करना लोकतंत्र के प्रति भारतीय जनमानस में अविश्वास पैदा करने के बराबर होगा। इससे संसद की गरिमा धूमिल होने के साथ साथ राजनीतिक अराजकता का स्थल भी बन जाएगी। संसदीय काम में गतिरोध तो पैदा होता ही है, सम्बंधित मुद्दों पर आम चर्चा भी नहीं हो पाता। जबकि संसद निर्वाचित होकर आए सांसदों व विधायकों के आम चर्चा और आमसहमति पर विकास की बुनियाद गढने का स्थल होता है। मीडिया द्वारा 2 अप्रैल और 10 अप्रैल के देशव्यापी बंद तथा आरक्षण नीति पर उन्होंने भाजपा के ही दो नेताओं द्वारा आरक्षण देने नहीं देने के सवाल पर उन्होंने तुष्टीकरण नीति अपनाते हुए दोनों का साथ देने की बात कहने के साथ आरक्षण नीति को रिव्यू होने पर भी अपनी सहमति जताई। अजय प्रताप सिंह ने बतलाया कि भाजपा ने यह घोषणा की है कि संसद में यदि हमने कार्य नहीं किए है तो हर भाजपाई सांसद वेतन नहीं लेगे। सभी सांसदो ने एक माह का वेतन भत्ता नैतिक आधार पर छोड दिया।  

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