जनसुनवाई में
कलेक्ट्रर को पुष्पराजगढ़ में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर।
सुप्रिम कोर्ट द्वारा एसटीएससी एक्ट के नियमो में संशोधन कर निर्णय पारित करने के
विरोध में 2
अप्रैल को अनुसूचित जाति व जनजाति द्वारा भारत बंद किया था, जिसके बाद सोशल
मीडिया में 10
अप्रैल को आरक्षण के विरोध में स्वैच्छिक बंद का मैसेज वायरल हुआ, जिस पर अनूपपुर जिला
पूरी तरह से सफल बंद रहा। इस दौरान बंद के
समर्थन और विरोध में कोई भी राजनीतिक, संगठन
और पार्टियां सड़कों पर नजर नही आई। वहीं 9
अप्रैल को कलेक्टर द्वारा धारा 144
लागू किए जाने के बाद लोगों का समूह सड़को पर नहीं दिखा। बंद में जिला मुख्यालय
सहित पुष्पराजगढ़, जैतहरी, चचाई, वेंकटनगर क्षेत्रों
के व्यापारिक प्रतिष्ठानें पूरी तरह से बंद रही। पुष्पराजगढ में लोग पीने का पानी
भी नसीब नही हो सका। वहीं कोयलांचल के कोतमा,
भालूमाड़ा, राजनगर, बिजुरी में बंद का
मिलाजुला असर रहा। वहीं सुबह 7
बजे से शाम 5
बजे जिला मुख्यालय सहित समस्त 10
थानों व 3
पुलिस चौकियों को अलर्ट रखा गया, जहां
50 मोबाइल
वाहनों के माध्यम से क्षेत्रों की निगरानी रखी गई। जबकि नगरीय क्षेत्रों में रेलवे
स्टेशन, बस
स्टैंड, छोटी-बड़ी
चौक चौराहों पर लॉउड स्पीकर के माध्यम से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील भी
पुलिस वाहन द्वारा की जाती रही। हालांकि विभागीय कार्यालय संचालन के कारण सड़कों
पर भीड़ देखी गई,लेकिन
बाजार व मुख्य मार्गों पर चहल-पहल गायब रही। कुछ यात्री बसो के पहिये भी थमे रहे।
आरक्षण के
विरोध में सौंपा गया ज्ञापन
मंगलवार को
जनसुनवाई होने एवं जिले में धारा 144
लागू होने के कारण आरक्षण के विरोध में अनूपपुर के लगभग दो सैकड़ा से अधिक लोगो ने
आरक्षण नीति समाप्त करने की मांग लेकर व्यक्तिगत पहुंच अपने-अपने नामो से
प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। व्यक्तिगत तौर पर लगभग 200 से अधिक लोगा
द्वारा दिए गए ज्ञापन के माध्यम से बताया गया की वे सरकार के जातिगत आरक्षण से
दुखी हॅ, क्योकि
इस आरक्षण से देश की योग्यता विदेशो में जाकर निवास कर रही है। जो लोग इस देश में
है वे बेरोजगारी का दंश झेल रहे है और सामाजिक व मानसिक कुंठा के शिकार है।
उन्होने बताया कि लगातार 70
वर्षो से उपेक्षा झेलते हुए सामान्य जाति के पढे लिखे योग्य युवा धीरे-धीरे समाज
के मुख्य धारा से कटते जा रहे है। जातिगत आरक्षण अब इस देश के लिए समाजिक और
आर्थिक अभिशाप बनता जा रहा है। जिसपर उन्होने मांग की है कि भारत देश समुचित विकास
के लिए संविधान में संशोधन कर देश में एक कानून बनाया जाए जो जाति और धर्म के आधार
पर न
हो और आर्थिक रूप से पिछडे और कमजोर वर्ग को जो किसी भी जाति या धर्म का हो
उन्हे प्राथमिकता पूर्वक आर्थिक आरक्षण प्रदान कर देश में समरसता एवं शांति का
वातावरण निर्माण करने में भूमिका निभा सके।
चप्पे-चप्पे
पर पुलिस बल थी तैनात
स्वैच्छिक
भारत बंद पर जिले में सुरक्षा और शांति बनाए रखने तथा आसामजिक तत्वो व अपराधिक
प्रवृत्ति पर नजर रखे जाने को लेकर जिलेभर में लगभग 350 पुलिस बल तैनात किए गए थे, जिसमें 59 पुलिस बल को शहडोल से तथा 35 बल फॉरेस्ट के थे।
वहीं जिले भर में 40
वाहनो चार पहिया वाहनो के माध्यम से लगातार पेट्रोलिंग कर नजर रखी गई थी। इसके
अलावा जिले के थाना क्षेत्रो में फ्लैग मार्च,
प्वाइंट ड्यूटी के साथ ही जिला मुख्यालय में लगे सीसीटीवी
कैमरे के माध्यम से कंट्रोल रूप द्वारा नजर रखी जा रही थी। वहीं जिले में सफलता
पूर्वक सफल तरीके से बंद होने के साथ ही जिले की जनता द्वारा आपसी सौहार्द दिखाते
हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने पर पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी एवं अतिरिक्त पुलिस
अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने सभी जिलेवासियो को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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