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बुधवार, 8 अगस्त 2018

न्याय के लिये भटकते पक्षकारों व अधिवक्ताओं ने बिजुरी उप तहसील में जड़ा ताला



पांच माह से अबतक नही हुई कोई सुनवाई
अनूपपुर। बिजुरी में स्थानीय व आसपास के ग्रामीण अचंलों से जुड़े लोगों की सुनवाई के लिए स्थापित उप तहसील कार्यालय में पिछले पांच माह से मिल रही तारीख पर तारीख से नाराज पक्षकारों व अधिवक्ताओं ने किसी भी दंडाधिकारी के नहीं बैठने से नाराजगी जताते हुए बुधवार 8 अगस्त की सुबह उपतहसील कार्यालय का बहिष्कार करते हुए कार्यालय के दरवाजे पर ताला लगा दिया। यहीं नहीं सभी पक्षकार व अधिवक्ताओं ने प्रशासन की पूर्व आदेश के परिपालनार्थ नायब या तहसीलदार के कार्यालय में बैठाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। पक्षकारों का कहना था कि पिछले पांच माह से यहां आने वाले रोजाना सैकड़ों लोगों को अधिवक्ताओं द्वारा सिर्फ तारीख पर तारीख ही दी जा रही थी। वहीं अधिवक्ताओं का कहना था आने वाले पक्षकारों के लिए उप तहसील न्यायालय में तारीख पेशी की जाती थी, लेकिन बाद में यह जानकारी दी जाती थी कि आज कोई साहब नहीं बैठेंगे। ये हालात पिछले पांच माह से चली आ रही है। पांच माह के दौरान अबतक कोई नायब तहसीलदार या तहसीलदार अधिकारी इस उप तहसील कार्यालय में एक भी सुनवाई नहीं किए हैं। जिसके कारण रोजाना अधिवक्ताओं को पक्षकारों की दुत्कार सुननी पड़ रही थी। वहीं अपनी रोजाना मजदूरी और आर्थिक नुकसान कर सुनवाई के लिए आने वाले पक्षकारों को बिना किसी निर्णय के वापस खाली हाथ लौटना पड़ता था। बताया जाता है कि बिजुरी उप तहसील कार्यालय की स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य कोतमा तहसील कार्यालय पर आने वाले अतिरिक्त भार को कम करते हुए स्थानीय ग्रामीणों को कम दूरी पर तहसील कार्यालय स्थापित कराते हुए राजस्व व अन्य प्रकरणों के निराकरण के लिए स्थानीय स्तर पर उप तहसील कार्यालय उपलब्ध कराना। जानकारों के अनुसार शुरूआत दिनों में उप तहसील कार्यालय का बेहतर संचालन हुआ। लेकिन कुछ वर्षो के बाद यह बंद हो गया। जिसके कारण पुन: कोतमा तहसील कार्यालय में कोतमा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले 31 ग्राम पंचायतों के साथ साथ कोतमा व बिजुरी नगरपालिका के राजस्व सम्बंधित अन्य मामले का भार बढ़ गया। इसमें दूर-दराज से आने वाले पक्षकारों के साथ साथ अधिवक्ताओं को भी पैरवी कराने में परेशानियां का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए लगभग डेढ वर्ष पूर्व स्थानीय नगरवासियों तथा पक्षकारों व अधिवक्ताओं की मांग पर वीरान पड़ी बिजुरी उप तहसील कार्यालय को पुन: संचालन कराने की मांग की गई। जिसपर प्रशासन ने भी रूचि दिखाते हुए नायब तहसीलदार या तहसीलदार के माध्यम से बिजुरी उप तहसील कार्यालय के लम्बित प्रकरणों के निपटारे के आदेश जारी किए। इसमें सप्ताह में दो दिन उप तहसील कार्यालय का संचालन भी हुआ। उप तहसील कार्यालय बुधवार और गुरूवार को संचालित होना आरम्भ हुई।

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