
करौंधी, जरही, उमनिहाँ,बांकुर और बेलगवाँ
मे आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम
कलेक्टर अजय
शर्मा ने बताया कि जिले में पुष्पराजग$ढ
जनपद के अंतर्गत करौंधी, जरही, उमनिहाँ,बांकुर और बेलगवाँ
मे ग्राम स्वराज अभियान १४ अप्रैल से ५ मई तक आयोजित किया जाएगा। अभियान के
अन्तर्गत निर्धारित तिथियों पर विशिष्ट आयोजन करने के लिये सम्बन्धित विभागों के
अधिकारी व्यवस्थाएं जिला, जनपद, ग्राम स्तर पर
करेंगे। आपने बताया कि १४ अप्रैल को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिये सामाजिक
न्याय विभाग नोडल विभाग रहेगा। स्वच्छ भारत के कार्यक्रम के लिये १८ अप्रैल, पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग नोडल विभाग रहेगा। उज्जवला दिवस २० अप्रैल के कार्यक्रम के लिये खाद्य
विभाग नोडल विभाग रहेगा। राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस कार्यक्रम के लिये २४ अप्रैल को
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नोडल विभाग रहेगा। ग्राम स्वराज दिवस के दिन २८
अप्रैल के कार्यक्रमों के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सौभाग्य योजना के
लिये सहयोगी ऊर्जा विभाग नोडल विभाग रहेंगे। आयुष्मान भारत दिवस ३० अप्रैल के
कार्यक्रमों के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग नोडल विभाग रहेगा।
किसान कल्याण दिवस २ मई के कार्यक्रमों के लिये .षि विभाग नोडल विभाग रहेगा एवं
आजीविका दिवस ५ मई के कार्यक्रमों के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा
सहयोगी तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग नोडल विभाग रहेगा।
बाल विवाह अपराध, सेवा प्रदाता भी हैं सजा के भागीदार
कलेक्टर अजय
शर्मा ने १८ अप्रैल को अक्षय तृतीया एवं उस दिन बहुतायत मे होने वाले विवाहों का
संज्ञान लेते हुए, तहसीलदारों
एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को आवश्यक निगरानी के निर्देश दिए हैं।
आपने कहा कि बाल विवाह रोकना एवं इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानूनप्रिय
व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इसलिये
यह अवश्य सोचें कि कहीं आप १८ वर्ष से कम उम्र की लाडली बिटिया का विवाह करके उसकी
जिदंगी अनजाने जोखिम में डालने तो नहीं जा रहे हैं। आपने अक्षय तृतीया एवं विशेष
तिथियों मे जिले के सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया, हलवाई, केटरर, बैंडवाला, घो$डीवाला, ट्रांसपोर्ट, प्रिंटिंग प्रेस के
प्रबंधक, ब्यूटी
पार्लर, संचालक
मंगल भवन और अन्य संबंधितों से कहा है कि वे किसी विवाह या समारोह में शामिल होने
से पहले यह अवश्य देख लें कि कहीं वो बाल विवाह तो नहीं है। यदि बाल विवाह हो तो
इसे रोकने में शासन का सहयोग करें। आपने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में दड
प्रावधान के अंतर्गत बालिका की आयु १८ वर्ष और बालक की आयु २१ वर्ष से कम नहीं
होना चाहिये। अधिनियम अनुसार ऐसे विवाह में शामिल प्रत्येक व्यक्ति सजा का भागीदार
होता है चाहे वह विवाह में सेवा देने वाले सेवा प्रदाता ही क्यों न हों। बाल विवाह
कराने पर २ वर्ष की सजा व १ लाख तक का जुर्माना या इससे भी अधिक हो सकता है।
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