अनूपपुर, कोतमा में खुलेगी
बर्न यूनिट एम्बूलेंस की भी होगी व्यवस्था
अनूपपुर।
ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रख पेयजल के आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाये किसी भी
स्थिति में जल संकट न होने पाये यह ध्यान रखा जावे। इसी तरह वर्षा रितु के पूर्व
दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचव के लिये लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग
स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायत ग्रामीण विकास विभाग आपसी समन्वय से कार्यो का समाधान
समय पूर्व सुनिश्चित करें। उक्ताशय के निर्देश जिले के प्रभारी मंत्री तथा मख्य
प्रदेश शासन के राज्य मंत्री सूक्ष्म लघु
और मध्यम उद्यम(स्वतंत्र प्रभार) उच्च शिक्षा समाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण
संजय सत्येन्द्र पाठक ने जिला योजना समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकरियों
को दिये। आपने लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग,
स्वास्थ्य विभाग, महिला
बाल विकास विभाग तथा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के कार्यों की
समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। इस अवसर पर अनूपपुर विधानसभा
क्षेत्र के विधायक रामलाल रौतेल,कोतमा
विधान सभा क्षेत्र के विधायक मनोज अग्रवाल,
कलेक्टर अजय शर्मा,जिला
पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, पुलिस
अधीक्षक हितेश चौधरी, वन
मण्डलाधिकारी प्रियांशी राठौर, विंध्य
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रामदास पुरी,
जिला योजना समिति के सदस्य सुदामा सिंह,भूपेन्द्र सिंह, मंगल दीन साहू,स्नेहलता सोनी, सरला सिंह आदि उपस्थित
थे। बैठक में विधायक रामलाल रौतेल की मांग पर जिला चिकित्सालय के लिये बर्न यूनिट
पैथोलॉजी कल्चर टेस्ट के लिये आवश्यक यंत्र एवं एक एम्बूलेंस की स्वीकृति प्रदान
की। इसी तरह विधायक कोतमा मनोज अग्रवाल की मांग पर कोतमा चिकित्सालय हेतु बर्न
यूनिट तथा एक एम्बूलेंस उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की। अनिल गुप्ता की मांग
पर बिजुरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
में करने हेतु शासन स्तर पहल करने की बात
कही। बैठक में बैगा बाहुल्य बस्ती तथा एक हजार के
उपर की आबादी के पेयजल संकट ग्रस्त
ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल प्रकरणों की भी स्वीकृति प्रदान की गई। आपने
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के कार्यों केा गुणवत्ता पूर्ण $ढग से करने के
निर्देश दिये। बैठक में बन्द प$डी
नल जल योजनाओं को सत्प्रतिशत चालू करने के निर्देश प्रभारी मंत्री ने किये। प्रभारी मंत्री कहा कि किसी भी क्षेत्र
में जल संकट की स्थिति न बने उसके पहले ही समाधान निकाल लिया जाये विभागीय अधिकारी
सतत रूप से क्षेत्रीय भ्रमण करते रहें। आपने कहा कि जल संकट के निवारण हेतु फण्ड
की कमी नहीं होने दी जायेगी।
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