अनूपपुर।
कोतवाली पुलिस द्वारा 12
अप्रैल को सांधा तिराहे के पास बूचड खाने ले जाते ट्रक में लोड 28 नग बैल व बछड़ा को
घेराबंदी कर रोक गया तथा ट्रक सहित पशुओ को जब्त करते हुए मौके से 5 आरोपियो को
गिरफ्तार किया गया है। कोतवाली प्रभारी बिभेन्दु वेंकट टांडिया ने जानकारी देते
हुए बताया कि मुखबिर से सूचना मिली की ट्रक क्रमांक एमपी 65 जीए 0317 में अवैध तरीके से
पशुओ का परिवहन कर शहडोल की ओर से आ रही है,
जिसे बूचड खाने ले जाया जा रहा है। जिसके बाद एसडीओपी अनूपपुर
उमेश गर्ग के निर्देशन में डीएसपी सहित कोतवाली प्रभारी बीभेन्द्रु वेंकट टांडिया
ने गठित पुलिस टीम के साथ सांधा तिराहा
पहुंच घेराबंदी की गई, जहां
ट्रक चालक द्वारा पुलिस को देख भागने का प्रयास किया गया, जिस पर पुलिस ने
ट्रक को रोकने एक वाहन उसके आगे खड़ा कर ट्रक रोका गया, जिसके बाद ट्रक में
बैठे सभी आरोपी भागने लगे। जिस पर पुलिस ने उनका पीछा कर सभी पांच आरोपी जिनमें
चालक सीता राम राठौर पिता कोदूलाल उम्र 23
वर्ष, राजेश
कुमार राठौर पिता लालमन राठौर दोनो निवासी ग्राम पसला, आशीष कपाडिया पिता
गुलाम कपाडिया, विक्रम
कपाडिया पिता भूरन कपाडिया निवासी सलैया नागौद जिला सतना सहित विक्रम वासूदेव पिता
घनश्याम वसूदेव उम्र 23
वर्ष निवासी बीरमपुर थाना बक्सवाही को गिरफ्तार किया गया। वहीं निरीक्षण में ट्रक
के अंदर 28
नग बैल व बछडे को ठूस-ठूस कर भरे थे। पुलिस ने वाहन चालक सीताराम राठौर से पशुओ के
परिवहन के संबंध में अधिकार पत्र संबंधित दस्तावेजो की मांग की गई। जिस पर वाहन
चालक द्वारा मौके पर किसी तरह का दस्तावेज नही दिखाने पर सभी पांचो आरोपियो के
खिलाफ म.प्र. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 4, 6, 6ग,
पशुओ के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 घ, म.प्र. गौवंश
प्रतिषेध अधिनियम 2004
की धाना 6/9 के तहत कार्यवाही
की गई। इसके साथ ही ट्रक चालक द्वारा मौके पर सिर्फ वाहन के रजिस्ट्रेशन एवं
लायसेंस देने पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 146/196, 132/177, 66/192 ए एवं 81/177 के तहत कार्यवाही
करते हुए सभी आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हे जेल
भेज दिया गया। वहीं ट्रक में क्रूरता पूर्वक लोड किए सभी 28 नग बैलो को ग्राम
जमुडी के कांजी हाउस में रखा गया है। वहीं इस कार्यवाही में थाना प्रभारी
बीभेन्द्रु वेंकट टांडिया सहित एसआई श्याम लाल मरावी, एएसआई देवराज
ङ्क्षसह, प्रधान
आरक्षक अजीत, आरक्षक
शैलेन्द्र दुबे, शेख
रसीद, राजेश
कवंर का कार्य सराहनीय रहा।
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