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शुक्रवार, 5 जून 2020

नये रूप में अमरकंटक के प्राकृतिक स्वरूप को वापस लाने किया जाएगा प्रयास - प्रह्लाद पटेल

धार्मिक गुरुओं से की चर्चा कर बताई विकाश की योजना

अनूपपुर, 05 जून (हि.स.)। अमरकंटक की प्राकृतिक भव्यता को पुनर्जीवित करने के साथ साथ क्षेत्र में धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक एवं एडवेंचर पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु शुक्रवार को भारत सरकार संस्कृति एवं पर्यटन केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद पटेल ने 5 जून को अमरकंटक क्षेत्र के धार्मिक गुरुओं, स्थानीय वृहद चर्चा उपरांत अमरकंटक के विकास की समग्र कार्ययोजना पर निर्णय लिये। इस दौरान उन्होने विभिन्न विकास कार्य इस तर्ज पर हों कि अमरकंटक की नैसर्गिक जलवायु, वनस्पति एवं अन्य भौतिक कारकों में किसी भी प्रकार का प्रतिकूल असर न हो। विकास के कई घटकों में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की प्रसाद योजना एवं स्वदेश दर्शन योजना के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा। साथ ही अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की एवं आगामी कार्ययोजना में दोनो योजनाओं के बेहतर सामंजस्य के साथ शीघ्र डीपीआर बनाने के निर्देश दिए।

परिक्रमावासियों के लिए हो आश्रय स्थल

धार्मिक गुरुओं द्वारा परिक्रमा पथ, जल संरक्षण, माँ नर्मदा नदी के बेड की सफाई एवं धार्मिक पर्यटकों विशेषकर परिक्रमावासियों के लिए आश्रय स्थल की व्यवस्था की बात कही गई। जिस पर पर्यटन केंद्रीय राज्यमंत्री ने अमरकंटक विकास कार्ययोजना में शामिल करने की बात कही। क्षेत्र में 3 वृहद आश्रय स्थल की आवश्यकता है। जल संरक्षण के लिए नर्मदा नदी में बने सभी स्टॉप/ चेक डैम के जीर्णोधार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही नर्मदा नदी से गाद हटाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। नर्मदा नदी कुंड की सफाई हेतु ओजोन फिल्टर को विकास परियोजना में शामिल किया जाने के लिए कहा। बैठक में अमरकंटक के सभी धर्म गुरू शामिल रहे।

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