अनूपपुर। थाना करनपठार धारा 302 भादवि में आरोपी शंभू सिंह गोंड़, पप्पू उर्फ शिवकुमार गोंड़, शिवराज गोंड़, नंदू उर्फ मनीष सिंह गोंड़ सभी निवासी ग्राम रनईकापा थाना करनपठार को हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा की न्यायालय में विचाराधीन मामले में आरोपियो को आजीवन कारावास एवं २००० रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रारम्भिक पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि एवं अंतिम पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शशि धुर्वे ने की।
बुधवार को मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि घटना 14 दिसम्बर 2017 की सुबह करीबन 10 बजे की है फरियादिया उषाबाई का पति मृतक सूरज सिंह अपने मौसेरे भाई शिवचरण उर्फ दुर्गा के साथ काम की मजदूरी लेने ग्राम रनईकापा आरोपी शंभू सिंह गोंड के घर पर गया था। शाम को 4-5 बजे जब वह घर आया तो दर्द से कराह रहा था, उसने अपनी पत्नी उषाबाई को बताया कि शंभू सिंह ने उसे उसकी मेहनत के काम के पैसे नहीं दिये बल्कि अपने लड़के पप्पू उर्फ शिवकुमार, शिवराज एवं मनीष गोंड़ के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की और गला दबाने की कोशिश की, मृतक सूरज सिंह के पेट एवं गले में काफी चोटों के निशान था गले में एक लंबी चोट थी एवं पेट से खून निकल रहा था। दर्द के कारण वह घर जाकर सो गया एवं रात्रि 11 बजे उठा खाना खाकर फिर सो गया। जब सुबह उषाबाई की नींद खुली तो देखा कि मृतक का शरीर ठण्डा हो गया है और वह मर चुका है जिसकी रिपोर्ट थाना करनपठार में कराई गई। थाना प्रभारी द्वारा मामला संज्ञान में लेकर पूर्ण विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
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