अनूपपुर/जमुना कोतमा। कोयला उद्योग के निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों के खिलाफ 10 व 11 जून को एचएमएस, एटक, बीएमएस, इंटक, सीटू के तत्वाधान में पूरे एसईसीएल में विरोध दिवस मनाया जाएगा। केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने के खिलाफ दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।ज़ूम एप्प के जरिए बैठक मे एचएमएस, एटक, बीएमएस, इंटक, सीटू यूनियन प्रतिनिधी एचएमएस के महामंत्री नाथूलाल पांडेय, एटक के महामंत्री का.हरिद्वार सिंह, बीएमएस के नेता महेन्द्र प्रताप सिंह, सीटू के महामंत्री जे.एस.सोढ़ी, इंटक के महामंत्री पीके राय शामिल रहे।
बैठक में कोयला उद्योग का निजीकरण क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने, श्रम कानूनों में संशोधन, ठेका मजदूरों को एचपीसी वेज भुगतान,1 जनवरी 2017 से ग्रेज्युटी 20 लाख रुपए का भुगतान,राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता लागू करने तथा आश्रितों को रोजगार शैक्षणिक योग्यता के अनुसार देने, कोरोना अवधि के दौरान सभी असंगठित श्रमिक बल को प्रतिमाह कम से कम 75 सौ उनके बैंक खाते में जमा करने, मनरेगा के तहत दोनों ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 2सौ दिन के रोजगार सुनिश्चित करने तथा निर्धारित मजदूरी दर करने के साथ भारत सरकार कोविड-19 की आड़ में मजदूर विरोधी, उद्योग विरोधी, पूंजीपतियों के हित में फैसले का विरोध करने की बात रखी गई।
बैठक में निर्णय लिया गया 10 जून को जुलूस, धरना, गेट मीटिंग एवं प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन कोल प्रशासन बिलासपुर महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) एवं विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के समक्ष सौंपा जाएगा। 11 जून को काला दिवस मनाया जाएगा, जिसके तहत कोयला मजदूरों के द्वारा बिल्ला लगाकर ड्यूटी जाना, खदान द्वार (मुहाडे) पर खड़े होकर खदानों की निजी एजेंसियों को नीलामी के खिलाफ नारा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में मांग पत्र भी तैयार किया गया।
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