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शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

400 रूप्ए के विवाद पर भाई ने की अपने बडे भाई की हत्या



हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने थाने पहुंच दी झूठी सूचना, आरोपी गिरफ्तार
अनूपपुर। करनपठार थाना अंतर्गत ग्राम कंचनपुर में 31 जुलाई की रात दो सगे भाईयों के बीच पैसो को लेकर हुए विवाद में छोटे भाई गोविंद सिंह उम्र ४९ वर्ष ने बडे भाई पती सिंह के सर पर डंडे से मारकर हत्या कर 1 अगस्त को थाना पहुंच अपने भाई की मृत्यु हो जाने की सूचना दी। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच शव निरीक्षण किया, जहां मृतक के चेहरे में चोट के निशान पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा तैयार कर पीएम कराते हुए मर्ग कायम कर मामले की जांच प्रारंभ की। जांच में सूचनाकर्ता छोटा भाई गोविंद ही अपने बडे भाई के हत्या का आरोपी निकला। जिसके बाद पुलिस द्वारा सख्ती से की गई पूछताछ पर हत्या करना स्वीकारा। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी गोविंद सिंह पिता भोग सिंह के खिलाफ धारा 302,201,117,193,203 के तहत मामला पंजीबद्घ कर 3 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
400 रूपए के विवाद में हुई हत्या
करनपठार थाना प्रभारी अरविंद साहू ने जानकारी देते हुए बताया की मृतक के सर पर मिले चोट के निशान मिलने पर हत्या की आशंका हुई, जिसके बाद जांच में 31 जुलाई की रात पती सिंह एवं गोविंद सिंह दोनो गांव से कुछ दूर शराब पीने गए हुए थे, जहां घर वापस आते समय रास्ते में छोटा भाई गोविंद ने पत्थर तोडने का 400 रूपए अपने ब$डे भाई से मांग की, जिस पर पती सिंह ने गोविंद के सर पर पत्थर से मार दिया, जिससे वे लहुलुहान हो गया तथा गुस्से में आकर गोविंद ने अपने बडे भाई के सर पर डंडे से मारकर घायल कर दिया और उसे अपने साथ घर ले जाकर घायल अवस्था में ही सुला दिया, जहां रात लगभग 1 बजे उसकी मौत हो गई।
भाई को नही मारना चाहता था जान से
आरोपी गोविंद सिंह ने बताया कि वह अपने भाई को जान से नही मारना चाहता था, उसने बताया कि घटना के समय उसने गर्मी के समय पत्थर तोडा था जिसे उसके भाई ने ही खरीदा था, जिसका 400 रूपए भाई ने नही दिया था, जहां उसने अपने भाई से अपना रूपए मांगा, जिस पर भाई गुस्से में आकर मेरे सर पर पत्थर मार दिया जिसके कारण मेरे सर से खून निकलने लगा और मैने गुस्से में आकर अपने भाई के सर पर डंडा मार दिया और घायल अवस्था में उसे ले जाकर उसके घर छोड दिया, जहां कुछ समय भाई के घर से रात लगभग १ बजे रोने की आवाज आई जहां मैने जाकर देखा तो भाई की मौत हो गई। जानकारी लगी और सूचना मेरे द्वारा पुलिस को दी गई। वहीं मामले की जांच में सूचनाकर्ता ने साक्ष्य छिपाने की नीयत से घटना की बात किसी को नही बताई।

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