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शनिवार, 4 अगस्त 2018

राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार में अपात्र शिक्षक का किया चयन, जिला चयन समिति पर उठे सवाल



पिछले वर्ष भी राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान में भी अपात्र का दिलाया गया था पुरूस्कार
अनूपपुर। राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार वर्ष २०१७-१८ में जिला चयन समिति द्वारा लोक शिक्षण संचालानालय द्वारा दिए गए निर्देशो की अवहेलना करते हुए जिले में तीन शिक्षको का नाम चयनित कर भेजा गया, जिनमें पहले नाम में एकलव्य विद्यालय में अटैच अध्यापक अमित प्रताप सिंह, शा.उमा. विद्यालय भाद के वरिष्ठ अध्यापक अंजली सिंह एवं माध्यमिक विद्यालय मेडिय़ारास के शिक्षक पुरूषोत्तम पटेल है। वहीं जिला चयन समिति द्वारा जिले में हमेशा से सुर्खियों और विवादितो से घिरे अध्यापक अमित प्रताप का नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार के लिए अपात्र के बावजूद जिला चयन समिति द्वारा सूची में पहला स्थान राज्य स्तरीय चयन समिति को भेजा दिया गया है। गत वर्ष भी जिला स्तरीय चयन द्वारा राज्य स्तरीय शिक्षक पुरूस्कार कन्या हाई स्कूल जैतहरी के व्याख्यता डी.सी. मिश्रा को विभाग द्वारा दंडित किए जाने के बाद भी चयन समिति द्वारा राज्य स्तरीय पुरूकार से सम्मानित करा दिया गया था बाद में मामला उजागर होने पर पुरूस्कार वापसी की कार्यवाही की बात भी कही गई थी।
विवादो एवं सुर्खियो में अमित का नाम सूची मे पहला
जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार के लिए चयनित पहला नाम अमित प्रताप की योग्यता पर ही प्रश्र चिन्ह खड़ा हो गया है, जिसमें शा. बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेनीबारी में पदस्थ अध्यापक संवर्ग अमित प्रताप सिंह को छात्रो को ट्यूशन  पढ़ाने के आरोप में ४ अप्रैल २०१४ को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश हुए बाद में अमित प्रताप को बहाल करते हुए ग्रामीण अंचल से हटाकर शहरी क्षेत्र में अटैच किया गया, इसके साथ ही एकलव्य विद्यालय में अतिथि शिक्षक अरूण कुमार तिवारी के साथ अध्यायपन कार्य के दौरान कक्षा में पहुंच अपशब्दो का प्रयोग कर मारपीट की गई, जिसमें अतिथि शिक्षक की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अमित प्रताप ङ्क्षसह के खिलाफ २९४, ३२३, ५०६ के तहत कार्यवाही भी की गई थी। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार में अमित प्रताप सिंह निष्कलंक से अछूते नही है बावजूद चयन समिति सब कुछ जानते हुए भी सूची में पहला नाम दिया गया।
मापदंडो और योग्यता को किया गया दर किनार
राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए योग्यता एवं मापदंडो को आधार मानते हुए लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा ११ बिन्दु के पालन कर जिले से शिक्षको को चयनित किया जाना था, लेकिन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा ऑन लाईन आवेदको के द्वारा उन बिन्दुओ पर पोर्ट फोलियो के माध्यम से अपलोड किए गए आवश्यक दस्तावेज, शिक्षको के चरित्र निष्कलंग, विभागीय एवं अपराधिक कार्यवाही प्रचलन में न होने, जनभागीदारी के लिए किए गए कार्यो, व्यक्तिगत साहित्य का प्रकाशन, विद्यालय के तीन वर्षो के दौरान शिक्षक की वार्षिक गतिविधि सहित मादंडो का दर किनारे कर शिक्षको का चयन किया गया है।
जिला चयन समिति पर भी उठे सवाल
राष्ट्रीय शिक्षक पुरूकार में जिले के तीन शिक्षको का नाम भेजा जाना था, जिसमें जिला चयन समिति में  कलेक्टर द्वारा नामांकित शिक्षा विद् जिला पंचायत सीईओ सलोनी सिड़ाना, अध्यक्ष जिला शिक्षा अधिकारी यू.के. बघेल द्वारा एपीसी देवेश सिंह बघेल को उक्त कार्य को संपादित करने प्रभारी बनाया गया था। जिसमें देवेश ङ्क्षसह बघेल द्वारा शिक्षको के चयन मेंं विषंगति पूर्ण कार्यवाही की गई तथा अध्यापक द्वारा ऑनलाईन आवेदन में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का कोई अभिलेख अपलोड किए गुणानुक्रम में सूची में वरीयता अध्यापक अमित प्रताप को मनमानी ढग़ से चयनित कर पहला स्थान दिया गया है।
जिला चयन समिति की विषंगतियों पर म.प्र. शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन
म.प्र.शिक्षक संघ द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार वर्ष २०१७-१८ में जिला चयन समिति द्वारा की गई विषंगति पर लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आयुक्त को ४ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में जिला चयन समिति द्वारा शिक्षक एवं अध्यापको के मूल्यांकन हेतु ऑनलाईन संलग्रक ने दर्शित कटेगिरी ए और बी के अनुसार बिन्दुवार मूल्यांकन नही करने और न ही आवेदको द्वारा दी गई जानकारी का भौतिक सत्यापन परीक्षण किया गया, जिला चयन समिति द्वारा निर्देशानुसार कार्यवाही विवरण पंजी संधारित नही किए जाने, अपात्र अध्यापको को प्रथम स्थान में दर्शाया जाना, संबंधित अध्यापक की प्रथम नियुक्ति तिथि ५ अप्रैल २००७ है जो अपने निर्धारित शैक्षणिक सेवा अवधि पूर्ण नही होने, जिला चयन समिति के अध्यक्ष यू.के. बघेल जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्वयं न करते हुए उनके स्थान पर एपीसी देवेश सिंह बघेल द्वारा कलेक्टर अनुग्रह पी एवं जिला पंचायत सीईओं सलोनी सिडाना के समक्ष जानकारी छिपाते हुए अमित प्रताप सिंह का नाम बिना शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का कोई भी अभिलेख पोर्ट फोलियों में अपलोड नही होने के बावजूद पहला नाम अमित प्रातप का नाम दिए जाने का आरोप लगाए है।
इनका कहना है
मुझे जानकारी मिली है, मामले की जांच करवाई जा रही है।
डॉ. सलोनी सिडाना, जिला पंचायत सीईओ

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